बहुउपयोगी वृक्ष की खेती से किसानों के भर जाएंगे धन के भंडार, जाने खेती का तरीका। महुआ एक महत्वपूर्ण बहुउपयोगी वृक्ष है, जो विशेष रूप से भारत के मध्य और पूर्वी राज्यों में पाया जाता है। यह पेड़ न केवल आर्थिक रूप से बल्कि सामाजिक और पारंपरिक रूप से भी महत्वपूर्ण है। महुआ के फूल, फल, बीज, लकड़ी और पत्तियाँ कई उपयोगों में आती हैं। चलिए महुआ की खेती के बारे में विस्तार से जानते हैं।
महुआ की पहचान और महत्व
महुआ विशेष रूप से भारत के झारखंड, मध्य प्रदेश, छत्तीसगढ़, ओडिशा, बिहार, उत्तर प्रदेश और महाराष्ट्र में अधिक पाया जाता है। महुआ के फूलों से शराब, मिठाई और औषधि बनाई जाती है। बीज से महुआ तेल निकाला जाता है, जो खाने, साबुन और दवा में उपयोगी है।
जलवायु और मिट्टी
महुआ उष्णकटिबंधीय और उपोष्णकटिबंधीय जलवायु में अच्छी तरह उगता है। इसे 500 मिमी से 1500 मिमी वर्षा की जरूरत होती है। यह गर्मी और सूखा सहन करने में सक्षम है। रेतीली, दोमट, काली मिट्टी या हल्की क्षारीय मिट्टी में भी महुआ की खेती हो सकती है। जल निकासी अच्छी होनी चाहिए।
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महुआ की प्रजातियाँ
भारत में मुख्य रूप से दो प्रकार की महुआ प्रजातियाँ पाई जाती हैं।
महुआ देशी या आम महुआ
थोड़ी बड़ी पत्तियों वाली किस्म
महुआ की खेती कैसे करें
महुआ के बीज से पौधे तैयार किए जाते हैं। बीज को ताजा लगाना अच्छा होता है क्योंकि महुआ के बीजों की अंकुरण क्षमता 1-2 महीने में घट जाती है। बीज को 24 घंटे भिगोकर नर्सरी में बोते हैं। लगभग 30-40 दिनों में पौधा तैयार हो जाता है। जून से जुलाई में मानसून की शुरुआत में पौधों की रोपाई करनी चाहिए। पौधे से पौधे की दूरी कम से कम 10-12 मीटर रखें क्योंकि यह पेड़ फैलता है। पहले 2-3 साल तक गर्मी में हल्की सिंचाई करें।
शुरुआती वर्षों में खरपतवार नियंत्रण और गुड़ाई करें। पौधों के चारों ओर जैविक खाद या गोबर की खाद डालें। पेड़ बड़ा होने पर ज्यादा देखभाल की आवश्यकता नहीं होती क्योंकि यह स्वाभाविक रूप से मजबूत होता है। महुआ में फरवरी से अप्रैल के बीच फूल लगते हैं। फूलों को गिरने के बाद इकट्ठा किया जाता है। जून-जुलाई में फल पकते हैं। फलों के अंदर से बीज निकाली जाती है जिससे महुआ तेल प्राप्त किया जाता है।
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महुआ का इस्तेमाल
फूल – शराब बनाने, मिठाइयों में, औषधि में उपयोग। बीज – तेल निकालने के लिए। तेल: खाने, मालिश, दवा और साबुन बनाने में। लकड़ी – जलावन और ग्रामीण निर्माण कार्य में। पत्तियाँ – पत्तल और दोना बनाने में।
महुआ के औषधीय गुण
महुआ के फूल और बीज में पोषक तत्व होते हैं। पारंपरिक औषधि में इसका उपयोग बुखार, त्वचा रोग, गठिया और कब्ज जैसी समस्याओं के इलाज में होता है।
महुआ से कमाई
महुआ की खेती से तगड़ा पैसा कमाया जा सकता है। एक पेड़ से सालाना 200 से 400 किलोग्राम फूल और 50 से 100 किलोग्राम बीज प्राप्त किए जा सकते हैं। एक पेड़ औसतन 40-50 साल तक उत्पादन दे सकता है।
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