औषधीय पौधे की खेती सेहत के साथ आपकी तिजोरी का भी रखेगी ध्यान, होगी लाखो में कमाई। पिप्पली एक औषधीय पौधा है, जिसे लंबी काली मिर्च या इंडियन लॉन्ग पीपर भी कहा जाता है। यह आयुर्वेदिक दवाइयों में बहुत महत्वपूर्ण होता है और इसकी खेती से अच्छी आमदनी हो सकती है। आइए इसकी खेती के बारे में विस्तार से जानते है।
पिप्पली की खेती के लिए जलवायु और मिट्टी
पिप्पली की खेती के लिए गर्म और नमीयुक्त जलवायु इसके लिए सबसे उपयुक्त है। पिप्पली की खेती के लिए दोमट मिट्टी, अच्छी जल निकासी वाली और जैविक तत्वों से भरपूर मिट्टी चाहिए। इसके लिए pH मान लगभग 6.0-7.5 के बीच होनी चाहिए।
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पिप्पली की खेती कैसे करें
पिप्पली की खेती के लिए आपको मिट्टी को 2-3 बार जुताई करके भुरभुरी बना लें। खेत में गोबर की खाद या जैविक खाद डालें। इसके बाद 60×60 सेमी की दूरी पर क्यारियां तैयार करें। पिप्पली की खेती को कटिंग या बीज से की जाती है। इसके लिए 15-20 सेमी लंबी बेल की शाखाएं काटकर नर्सरी में लगाएं। इसके पौधे को नर्सरी में 2-3 महीने तैयार करने के बाद खेत में रोपाई करें।
पिप्पली की गर्मियों में 7-10 दिन के अंतराल पर सिंचाई करें। बरसात में सिंचाई की जरूरत नहीं होती। पिप्पली में खरपतवार नियंत्रण के लिए समय-समय पर गुड़ाई करें। रोपाई के 10-12 महीने बाद फसल तैयार हो जाती है। पहले साल में बेलों से छोटी पिप्पली मिलती है और दूसरे साल में बड़ी पिप्पली। इसकी खेती से आपको प्रति एकड़ 6-8 क्विंटल सूखी पिप्पली प्राप्त हो सकती है।
पिप्पली से कमाई
पिप्पली की खेती अगर आप करते है तो आपको बाजार में इसकी कीमत 700-1000 रुपये प्रति किलो तक होती है। 1 एकड़ से ₹5-6 लाख रुपये तक की सालाना कमाई संभव है। पिप्पली एक कमाई का अच्छा जरिया है।
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