बिना जमीन कूड़े-कचरे में सब्जियां उगाकर आमदनी बढ़ा रहा किसान, मशरूम के साथ हरी सब्जियां रसोई का खर्चा बचा रही कमाई अलग से हो रही

इस लेख में कचरे में सब्जियां उगाने की विधि बताई जा रही है, जो मशरूम की खेती करने वाले किसानों के लिए वरदान साबित हो सकती है। इसमें जमीन की भी जरूरत नहीं होगी।

मशरूम की खेती के साथ अलग से कमाई

मशरूम सेहत के लिए फायदेमंद है, इसकी खेती से अच्छी आमदनी होती है। इसके लिए जमीन की जरूरत नहीं है, लेकिन मशरूम के साथ-साथ एक और काम भी मुफ्त में किया जा सकता है, जिसमें हरी सब्जियां उगाई जा सकती हैं। आपको बता दें कि बिहार के गया में एक युवा किसान हैं, जिनका नाम शक्ति कुमार है और वो मशरूम की खेती करते हैं, लेकिन फिर उन्होंने ऐसा जुगाड़ ढूंढ़ निकाला है, जिससे वो बिना जमीन के हरी सब्जियां उगा रहे हैं और इससे अच्छी कमाई भी कर रहे हैं।

साथ ही घर के लिए हरी सब्जियां मिल जाती हैं और उन्हें बेचकर आमदनी भी हो सकती है। तो चलिए आपको बताते हैं कैसे।

कचरे में हरी सब्जियों की खेती

मशरूम उगाने के लिए बैग की जरूरत होती है और जब मशरूम को निकाल लिया जाता है, तो वो थैला कचरे के रूप में रह जाता है। इसे ज्यादातर लोग खेतों में फेंक देते हैं ताकि खेत की मिट्टी उपजाऊ रहे लेकिन इसका इस्तेमाल हरी सब्जियां उगाने में कर सकते हैं. कम्पोस्ट बैग में बीज डाल दें. इसमें कुछ ही दिनों में सब्जियां उग आएंगी. इसमें कई तरह के पोषक तत्व होते हैं जिससे हरी सब्जियां आसानी से तैयार हो जाएंगी. इसे घर की छत पर रख सकते हैं और वहां सब्जियां उगा सकते हैं. अगर ज्यादा जमीन नहीं है तो।

वो बताते हैं कि पहले उन्होंने 50 बैग से मशरूम की खेती शुरू की थी लेकिन फिलहाल 500 बैग हैं जिनसे कई कम्पोस्ट बैग होते हैं और अब वो उन बैग में सब्जियां उगाते हैं.

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कौन सी सब्जियां उगाई जाती हैं?

कम्पोस्ट बैग में कई तरह की सब्जियां उगाई जा सकती हैं. आप बेल वाली सब्जियां भी लगा सकते हैं, जिसमें उन्होंने बताया कि छत पर करेला, लौकी, खीरा जैसी कई तरह की सब्जियां लगाई हैं. इसके अलावा बाद में आलू और प्याज भी उगाए जाते हैं. इसका एक लाभ यह भी है कि छत पर हरियाली रहती है, ठंडी हवा मिलती है और घर की ताजी सब्जियां खाने को मिलती हैं, जिसमें रासायनिक खादों का उपयोग नहीं होता, फिर भी अच्छा उत्पादन प्राप्त होता है, इसलिए यह स्वास्थ्य के लिए भी लाभदायक है।

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