अश्वगंधा की ये किस्म की खेती किसानों के लिए मुनाफे का तगड़ा सौदा होती है क्योकि इसकी डिमांड बाजार में दिन दूनी रात चौगुनी रहती है तो चलिए जानते है कौन सी वैरायटी है।
अगस्त में करें पैसे छापने वाली इस फसल की खेती
अश्वगंधा की खेती के लिए अगस्त का महीना उपयुक्त होता है। आज हम आपको अश्वगंधा की एक ऐसी वैरायटी के बारे में बता रहे है जो उच्च गुणवत्ता और बंपर से भी अधिक पैदावार देने वाली होती है ये किस्म कई रोगों के प्रति प्रतिरोधी होती है। इस किस्म के पौधे छोटे होते है जिससे घनी रोपाई संभव होती है। इसका उपयोग कई आयुर्वेदिक चूर्ण और दवाओं को बनाने में किया जाता है जो बाजार में काफी महंगे बिकते है। हम बात कर रहे है अश्वगंधा की जवाहर अश्वगंधा-20 वैरायटी की खेती की ये अश्वगंधा की की एक प्रसिद्ध किस्म है। ये एक उच्च उपज वाली और रोग प्रतिरोधी किस्म मानी जाती है।

जवाहर अश्वगंधा-20 वैरायटी
अश्वगंधा की खेती करने वाले किसानों के लिए जवाहर अश्वगंधा-20 वैरायटी की खेती बहुत फायदेमंद साबित होती है अगर आप इसकी खेती करना चाहते है तो आपको पहले इसकी खेती के बारे में जानना होगा जिससे खेती करने में कोई परेशानी नहीं होगी। जवाहर अश्वगंधा-20 वैरायटी की खेती के लिए जल निकास वाली हल्की दोमट (लोमी) मिट्टी अच्छी होती है इसकी बुआई से पहले खेत को 2-3 बार जोतकर समतल कर लेना चाहिए और बुआई से पहले बीजों को नीम की पत्तियों के अर्क से उपचारित करना चाहिए। इसकी खेती में पौधे से पौधे की दूरी 8-10 सेमी और पंक्ति से पंक्ति की दूरी 20-25 सेमी रखनी चाहिए। बुआई के बाद जवाहर अश्वगंधा-20 वैरायटी की फसल करीब 180 दिनों में तैयार हो जाती है।
कितनी होगी उपज
जवाहर अश्वगंधा-20 वैरायटी की खेती करने से बहुत ज्यादा शानदार पैदावार और मुनाफा देखने को मिलता है। एक हेक्टेयर में जवाहर अश्वगंधा-20 वैरायटी की खेती करने से करीब 1500 से 2000 किलोग्राम सूखी जड़ें हो सकती है। इसकी जड़ों में 0.30% विथेनालाइड होता है आप इसकी खेती से लाखों रूपए का मुनाफा कमा सकते है। जवाहर अश्वगंधा-20 वैरायटी की खेती किसानों के लिए बहुत मुनाफे वाली साबित होती है।