नवंबर या दिसंबर में कोई ऐसी फसल लगाना चाहते हैं, जिसका प्रॉफिट अच्छा मिले और उत्पादन भी ज़्यादा हो, तो चलिए एक ऐसी ही फसल की जानकारी देते हैं जिसे अभी लगाने पर खर्च भी कम आएगा।
नवंबर में यह सब्ज़ी लगाएं
नवंबर और दिसंबर के महीने में सब्ज़ी की खेती कर सकते हैं। अगर किसान अगेती सब्ज़ी की खेती करते हैं तो उन्हें भाव ज़्यादा मिलता है। यहाँ पर जिस सब्ज़ी की जानकारी देने जा रहे हैं, अगर उसे नवंबर-दिसंबर में लगाते हैं, तो साल का सबसे ज़्यादा भाव मिलेगा। आपको बता दें कि ₹65 से ₹70 तक इस सब्ज़ी का भाव मिल सकता है, जिससे किसान एक एकड़ से तीन से चार लाख रुपए तक का नेट प्रॉफिट ले सकते हैं। लेकिन कीमत चाहे जितनी भी गिर जाए, इस सब्ज़ी की ₹20 से ₹30 तक की आराम से कीमत मिल जाती है।
दरअसल, यहाँ पर करेले की खेती की बात की जा रही है, जिसे अभी लगाने पर खर्च कम आएगा। तो आइए जानते हैं, ऐसा कैसे हो सकता है।

अभी लगाने पर खर्च घटेगा, उत्पादन मिलेगा ज़्यादा
करेले की खेती का यह समय बहुत अच्छा है। अभी लगाने पर खर्च भी कम आएगा। क्योंकि इस समय मंडप बनाने की ज़रूरत नहीं पड़ेगी, बेल को सपोर्ट की ज़रूरत नहीं पड़ेगी। ज़मीन पर भी खेती कर सकते हैं। अच्छा उत्पादन मिलेगा, फल की गुणवत्ता भी बढ़िया होगी।
लेकिन क्रॉप कवर और प्लास्टिक मल्च का इस्तेमाल करना पड़ेगा। क्रॉप कवर एक ही फसल के लिए नहीं बल्कि और भी फसलों में इस्तेमाल कर सकते हैं, जिससे यह खर्च अधिक नहीं है। चलिए, अब बढ़िया वैरायटी की जानकारी भी देते हैं और यह भी बताते हैं कि कितनी मात्रा में कौन-सी खाद देने से उत्पादन ज़्यादा मिलेगा।
बढ़िया वैरायटी
करेले की वैरायटी में आप सेमीनस की अभिषेक, क्लॉज की अनुष्का, वीएनआर की आकाश और नंदिता, सिजेंटा की अस्मिता आदि चुन सकते हैं। इसके अलावा, आपके क्षेत्र में जिस वैरायटी का उत्पादन ज़्यादा मिलता हो, वह भी लगा सकते हैं।
खाद कौन-सी, कितनी मात्रा में डालें
करेले की खेती के लिए खाद की बात करें तो एक एकड़ में तीन से चार ट्रॉली गोबर की पुरानी खाद मिलाएं। साथ ही, 70 से 75 किलो एस.एस.पी., 25 किलो यूरिया, और 40 किलो एम.ओ.पी. मिला सकते हैं। लेकिन मिट्टी की जांच कर के खाद डालेंगे तो बेहतर होगा और खर्चा भी कम आएगा।
कितने फीट की दूरी में बनाएं बेड और करें रोपाई
अगर करेले की रोपाई कर रहे हैं तो 6 फीट की दूरी में बेड बनाकर, एक फीट की दूरी पर पौधों की बुवाई कर सकते हैं। लेकिन ध्यान रखें कि मिट्टी बढ़िया से भुरभुरी होनी चाहिए। खाद डालने के बाद अंतिम जुताई करके बेड बनाएं, फिर खेती कर सकते हैं।
बीज की बुवाई करने के बाद क्रॉप कवर तुरंत लगाएं, ताकि सर्दी के कारण बीजों के अंकुरण पर कोई प्रभाव न पड़े।

नमस्ते, मैं निकिता सिंह । मैं 3 साल से पत्रकारिता कर रही हूं । मुझे खेती-किसानी के विषय में विशेषज्ञता प्राप्त है। मैं आपको खेती-किसानी से जुड़ी तरो ताजा खबरें बताउंगी। मेरा उद्देश्य यही है कि मैं आपको ‘काम की खबर’ दे सकूं । जिससे आप समय के साथ अपडेट रहे, और अपने जीवन में बेहतर कर सके। ताजा खबरों के लिए आप https://khetitalks.com के साथ जुड़े रहिए । धन्यवाद













