नीलगाय से बहुत परेशान है किसान, तो अब करें इस सुगंधित फसल की खेती मार्केट में इसके तेल की है खूब डिमांड बिकता है 2,000 रुपए लीटर

On: Thursday, September 11, 2025 10:00 AM
नीलगाय से बहुत परेशान है किसान, तो अब करें इस सुगंधित फसल की खेती मार्केट में इसके तेल की है खूब डिमांड बिकता है 2,000 रुपए लीटर

इस फसल की खेती किसानों के लिए डबल मुनाफे का सौदा होती है क्योकि इसकी फसल में जंगली जानवरों का खतरा नहीं होता है और ये मार्केट में बहुत डिमांड में भी रहती है।

इस सुगंधित फसल की करें खेती

अक्सर किसान नीलगाय से बहुत तंग आ जाते है क्योकि नीलगाय खेत में घुस कर खेत में लगी फसल को नष्ट कर देती है जिससे किसानों का बहुत नुकसान होता है ऐसे में आज हम आपको एक ऐसी औषधीय फसल की खेती के बारे में बता रहे है जो बहुत ज्यादा मुनाफे वाली होती है इस घास से निकलने वाले तेल का उपयोग इत्र, सौंदर्य प्रसाधन, और औषधीय उपयोगों में बहुत मूल्यवान होता है। इसका तेल मार्केट में बहुत महंगा बिकता है इसके तेल में एंटीबैक्टीरियल, एंटीऑक्सीडेंट और एंटी-फंगल गुण होते है जो त्वचा की समस्याओं जैसे मुंहासे और झुर्रियों के इलाज में फायदेमंद होते है। हम आपको पामारोजा की खेती के बारे में बता रहे है पामारोजा एक सुगंधित औषधीय घास है।

पामारोजा की खेती

पामारोजा की खेती व्यावसायिक रूप से बहुत लाभदायक होती है इसकी खेती के लिए अच्छी भरपूर धूप, उचित जल निकासी वाली, उपजाऊ दोमट मिट्टी की आवश्यकता होती है इसके पौधे बीज के माध्यम से लगाए जाते है इस फसल में ज्यादा खाद, पानी और देखरेख की आवश्यकता नहीं होती है इसकी खेती में ऑर्गेनिक खाद उपयोग करना चाहिए। पामारोजा की फसल रोपाई के बाद प्रथम कटाई के लिए करीब 3 से 3.5 महीने में तैयार हो जाती है।

कितना होगा मुनाफा

पामारोजा की खेती से बहुत जबरदस्त उत्पादन और मुनाफा होता है इसकी एकबार बुवाई करने के बाद करीब 5 साल तक उपज मिलती रहती है। हर 3 से 4 महीने के अंतराल पर 5 साल तक फसल की कटाई कर सकते है। एक हेक्टेयर में पामारोजा की खेती करने से लगभग 100 से 120 लीटर से अधिक तेल की उपज प्राप्त होती है। इसका तेल मार्केट में करीब 2 हजार रूपए प्रति लीटर बिकता है। आप इसकी खेती से लगभग 2 लाख रूपए की कमाई आराम से कर सकते है इसके तेल का इस्तेमाल इत्र, साबुन, सौंदर्य प्रसाधन, आयुर्वेदिक उत्पाद और अरोमाथेरेपी में किया जाता है। इसमें गुलाब जैसी भीनी-भीनी खुशबू होती है और ये जेरानियोल नामक रासायनिक घटक से युक्त होती है। इसकी खेती किसानों को जरूर करना चाहिए।

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