बरसात में करें इन सब्जियों की खेती, बजंर जमीन में भी होगी बंपर पैदावार खेती से सिर्फ 55 दिनों के अंदर आएंगे लाखों रूपए, जाने नाम

इन सब्जियों की खेती बहुत लाभकारी होती है क्योकि इनकी डिमांड बाजार में खूब होती है तो चलिए जानते है कौन सी सब्जियों की खेती है।

बरसात में करें इन सब्जियों की खेती

बंजर जमीन भी बरसात के मौसम में उपजाऊ हो जाती है क्योकि बारिश का पानी पौधों के लिए अमृत की तरह होता है बरसात के मौसम में इन सब्जियों की खेती जरूर करनी चाहिए इनकी डिमांड बाजार में खूब होती है और कीमत भी अच्छी मिलती है। लोग इन सब्जियों का सेवन करना ज्यादा पसंद करते है। क्योकि ये सेहत के लिए बहुत फायदेमंद होती है। इनकी खेती में ज्यादा दिन नहीं लगते है। कम दिनों में फसल तैयार हो जाती है। हम बात कर रहे है धनिया, भिंडी, और हरी प्याज की खेती की तो चलिए इनकी खेती के बारे में विस्तार से जानते है।

धनिया की खेती

हरा धनिया की खेती बहुत लाभकारी होती है बरसात में हरा धनिया के दाम अच्छे मिलते है और इसकी मांग भी खूब होती है बारिश के मौसम में धनिया की खेती के लिए ढलान वाले खेत का चुनाव करना चाहिए ताकि जलभराव न हो। इसकी बुवाई के लिए उन्नत किस्म का चयन करना चाहिए और बुवाई से पहले बीजों को 12-24 घंटे के लिए पानी में भिगोकर रखना चाहिए जिससे अंकुरण जल्दी होता है धनिया की खेती के लिए खेत की गहरी जुताई करनी चाहिए और मिट्टी में गोबर की खाद डालनी चाहिए। बुवाई के बाद हरा धनिया की फसल करीब 30-40 दिनों में तैयार हो जाती है। एक एकड़ में आप इसकी खेती से लाखों रूपए की कमाई आराम से कर सकते है।

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भिंडी की खेती

जून के महीने में आप भिंडी की खेती भी कर सकते है भिंडी की डिमांड बाजार में बहुत होती है। भिंडी की बुवाई का सही समय जून-जुलाई होता है और इस मौसम में बुवाई के लिए अच्छी किस्मों में वर्षा उपहार, हिसार नवीन और एचबीएच-142 शामिल है इसकी खेती के लिए पहले खेत की गहरी जुताई करनी चाहिए फिर मिट्टी में जैविक खाद डालनी चाहिए। बरसात में जल भराव से बचाव के लिए उठी हुई क्यारियों में भिंडी की बुवाई करना बेहतर होता है। बुवाई के लिए प्रति एकड़ 5-6 किलोग्राम बीज की आवश्यकता होती है। बुवाई के बाद भिंडी की फसल करीब 50 से 60 दिनों में तैयार हो जाती है। आप इसकी खेती से लाखों रूपए का मुनाफा कमा सकते है।

हरी प्याज की खेती

बरसात के मौसम में आप हरी प्याज की खेती भी कर सकते है हरी प्याज की खेती के लिए जल निकासी वाली दोमट या रेतीली दोमट सबसे उपयुक्त होती है। बरसात में जलभराव से बचाने के लिए बेड या मेड विधि का उपयोग कर सकते है। इसकी बुवाई के लिए उन्नत और उच्च गुणवत्ता वाली किस्म के बीज का चयन करना चाहिए। बीज को अच्छी तरह से साफ करके उपचारित करना चाहिए और बुवाई से पहले खेत की जुताई करनी चाहिए। बुवाई के बाद इसकी फसल करीब 50 से 60 दिनों में तैयार हो जाती है।

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नमस्ते दोस्तों, मैं नंदिनी । पिछले 2 साल से पत्रकारिता में काम कर रही हूं और अलग-अलग विषयों पर लिखना मुझे बहुत पसंद है। खासतौर पर खेती, बागवानी और स्वास्थ्य से जुड़े मुद्दों में मेरी गहरी रुचि है। मैं हमेशा कोशिश करती हूं कि आपको सच्ची और सही जानकारी दे सकूं, ताकि आप इन विषयों को अच्छे से समझ सकें। अगर आप भी इन जरूरी और दिलचस्प बातों को जानना चाहते हैं, तो जुड़े रहें https://khetitalks.com/ के साथ। धन्यवाद

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