बरसात के मौसम में इन सब्जियों की डिमांड बाजार में बहुत होती है क्योकि लोग इन सब्जियों का सेवन करना ज्यादा पसंद करते है तो चलिए जानते है कौन सी सब्जियां है।
बरसात के मौसम में करें इन सब्जियों की खेती
बारिश का मौसम इन सब्जियों की खेती के लिए बहुत लाभकारी माना जाता है क्योकि इन फसलों को प्राकृतिक रूप से पानी मिलता है जो फसल के लिए बहुत फायदेमंद होता है। इनकी खेती में ज्यादा दिन, लागत और मेहनत भी नहीं लगती है इन सब्जियों की खेती से न केवल अधिक उत्पादन मिलता है बल्कि ये सब्जियां मार्केट में बहुत ज्यादा डिमांडिंग भी होती है। आप इनकी खेती से बहुत जबरदस्त कमाई कर सकते है। हम बात कर रहे है ककोड़े, लोबिया की खेती की तो चलिए इनकी खेती के बारे में विस्तार से जानते है।
ककोड़े की खेती
ककोड़ा जिसे कंटोला या वन करेला भी कहा जाता है ये एक लोकप्रिय सब्जी है जो मार्केट में बहुत डिमांडिंग होती है और महंगी भी बिकती है ककोड़े की खेती के लिए जल निकासी वाली रेतीली दोमट और चिकनी मिट्टी सबसे उपयुक्त होती है। इसकी बुवाई से पहले खेत की अच्छी जुताई करनी चाहिए और मिट्टी में गोबर की खाद डालनी चाहिए इसकी बुवाई के लिए उन्नत और उच्च किस्म के बीजों का चयन करना चाहिए। ककोड़े की इंदिरा कंकोड़-1, अम्बिका-12-1, अम्बिका-12-2, और अम्बिका-12-3 कुछ प्रमुख किस्में है। बुवाई के बाद इसकी फसल करीब 2 से 3 महीने में तैयार हो जाती है। ककोड़े की कीमत बाजार में करीब 100 से 150 रुपये प्रति किलो तक होती है। आप इसकी खेती से लाखों रूपए की कमाई आराम से कर सकते है।

लोबिया की खेती
बरसात के मौसम में आप लोबिया की खेती भी आसानी से कर सकते है क्योकि लोबिया की डिमांड बाजार में खूब होती है बरसात में लोबिया की खेती के लिए जून-जुलाई का महीना सबसे उपयुक्त होता है इसकी खेती के लिए लाल, काली और लेटराइट रेतीली मिट्टी सर्वोत्तम होती है। इसकी खेती में पंक्ति से पंक्ति की दूरी 45-60 सेमी और पौधे से पौधे की दूरी 10 सेमी रखनी चाहिए। बुवाई से पहले बीजों का उपचार करना चाहिए। इसकी खेती में गोबर की खाद का इस्तेमाल जरूर करना चाहिए। बुवाई के बाद इसकी फसल करीब 45 से 60 दिनों में कटाई के लिए तैयार हो जाती है। एक हेक्टेयर में लोबिया की खेती करने से करीब 100-120 क्विंटल तक पैदावार होती है आप इसकी खेती से लाखों रूपए की कमाई आराम से कर सकते है।
