मई में करें इन 2 सब्जियों की खेती, मार्केट में हर वक्त रहती है खूब डिमांड खेती से कमाएं लाखों, बंपर उपज के लिए जाने उन्नत किस्में

मई का महीन इन सब्जियों की खेती के लिए बहुत उपयुक्त होता है क्योकि इनकी डिमांड बाजार में बहुत होती है इन सब्जियों की खेती में अधिक उत्पादन के लिए अच्छी किस्म का चयन करना बहुत महत्वपूर्ण काम होता है क्योकि अच्छी किस्म से न केवल अधिक उपज मिलती है बल्कि वह कई रोग के प्रति प्रतिरोधी भी होती है। आप इनकी खेती से बहुत शानदार कमाई कर सकते है इन की खेती में लागत भी ज्यादा नहीं आती है तो चलिए जानते है कौन सी सब्जियों की खेती है।

लोबिया की खेती

मई के महीने में किसान लोबिया की खेती आसानी से कर सकते है लोबिया की डिमांड बाजार में बहुत होती है गर्मियों में लोबिया की खेती के लिए पूसा कोमल और पूसा दोफसली किस्म बहुत उपयुक्त होती है।

  • लोबिया की पूसा कोमल किस्म एक उन्नत किस्म है जो बैक्टीरियल ब्लाइट रोग के प्रतिरोधी होती है। इसकी खेती के लिए जल निकासी वाली बलुई-दोमट मिट्टी उपयुक्त होती है बुवाई से पहले बीजों का उपचार करना चाहिए इसकी खेती में गोबर की खाद या जैविक खाद का इस्तेमाल जरूर करना चाहिए बुवाई के बाद इसकी फसल करीब 45 दिनों में तैयार हो जाती है ये प्रति हेक्टेयर 100-120 क्विंटल की पैदावार देती है आप इसकी खेती से लाखों की कमाई कर सकते है।
  • लोबिया की पूसा दोफसली किस्म बसंत, गर्मी और बरसात तीनों मौसमों में उगाई जाने वाली एक उन्नत किस्म है इस किस्म की खास बात ये है की ये किस्म विभिन्न जलवायु परिस्थितियों में अच्छी तरह से अनुकूलित होती है और इसकी खेती के लिए विशेष देखभाल की जरूरत नहीं होती है इसकी खेती के लिए खेत की गहरी जुताई करनी चाहिए और मिट्टी में खाद डालनी चाहिए इसके पौधे इस किस्म के बीज द्वारा लगाए जाते है ये किस्म 45 से 50 दिनों में पककर तैयार हो जाती है और प्रति हेक्टेयर 75-80 क्विंटल तक उपज देती है।

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अरबी की खेती

मई के महीने में आप अरबी की खेती भी कर सकते है इसकी खेती से डबल मुनाफा होता है क्योकि बाजार में इसके कंद और पत्ते दोनों बहुत डिमांडिंग होते है। अरबी की खेती के लिए आप सफेद गौरैया और पंचमुखी किस्म की बुवाई कर सकते है ये किस्म मध्यम अवधि वाली होती है जो जल्दी तैयार हो जाती है।

  • अरबी की सफेद गौरैया एक उन्नत किस्म है जो अन्य किस्मों की तुलना में अधिक उपज के लिए जानी जाती है ये किस्म खाने के बाद खुजली नहीं करती है। इसलिए इसकी डिमांड बाजार में खूब होती है इसकी खेती के लिए गहरी जुताई करनी चाहिए और मिट्टी में खाद डालनी चाहिए। इसकी खेती में खरपतवारों को हटाने के लिए निराई-गुड़ाई जरुरी करनी चाहिए। बुवाई के बाद इसकी फसल करीब 130-140 दिनों में तैयार हो जाती है इसकी खेती में प्रति हेक्टेयर 17 से 19 टन की पैदावार होती है।
  • अरबी की पंचमुखी किस्म गर्मियों में खेती के लिए बहुत उपयुक्त होती है ये एक उन्नत किस्म है इस किस्म के कंदों में पांच मुख होते है इसलिए इसे पंचमुखी कहा जाता है। इसकी खेती के लिए जल निकासी वाली उपजाऊ, और जीवांश युक्त दोमट मिट्टी सबसे उपयुक्त होती है। मिट्टी का पीएच मान 5.5 से 7 के बीच होना चाहिए। इसकी खेती में जैविक खाद और कीटनाशक का इस्तेमाल करना चाहिए। बुवाई के बाद इसकी फसल करीब 180-200 दिनों में तैयार हो जाती है जो 75 से 100 क्विंटल प्रति एकड़ की उपज देती है। 

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नमस्ते दोस्तों, मैं नंदिनी । पिछले 2 साल से पत्रकारिता में काम कर रही हूं और अलग-अलग विषयों पर लिखना मुझे बहुत पसंद है। खासतौर पर खेती, बागवानी और स्वास्थ्य से जुड़े मुद्दों में मेरी गहरी रुचि है। मैं हमेशा कोशिश करती हूं कि आपको सच्ची और सही जानकारी दे सकूं, ताकि आप इन विषयों को अच्छे से समझ सकें। अगर आप भी इन जरूरी और दिलचस्प बातों को जानना चाहते हैं, तो जुड़े रहें https://khetitalks.com/ के साथ। धन्यवाद

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