धान की खेती का तरीका बदलकर सरकार से सब्सिडी प्राप्त कर सकते हैं। पानी की भी बचत कर सकते हैं, तो चलिए धान की खेती कम पानी में कैसे करें इसके बारे में जाने-
धान की सीधी बिजाई
धान की खेती में किसानों को मुनाफा है। लेकिन धान की अधिकतर वैरायटी और खेती का तरीका ऐसा है कि पानी की अधिक खपत होती है। जिससे भूजल स्तर लगातार गिरता जा रहा है। जिसमें आपको बता दे की अगर किसान धान की सीधी बिजाई करते हैं तो पानी की बचत होती है। कम पानी में धान की खेती होती है, तो चलिए जानते हैं डीएसआर विधि से खेती करने पर किस राज्य में सब्सिडी दी जा रही है।
इस राज्य के किसान होंगे लाभान्वित
हरियाणा राज्य सरकार द्वारा धान की सीधी बिजाई विधि से खेती करने पर ₹4000 प्रति एकड़ के अनुसार से सब्सिडी जा रही है। क्योंकि पारंपरिक विधि से धान की रोपाई करके खेती करते हैं तो पानी ज्यादा लगता है। लेकिन डीएसआर विधि से पौधों की रोपाई की आवश्यकता ही नहीं पड़ती है। इसलिए पानी की बचत होती है, और पौधे रोपने में जो मजदूर का खर्चा आता है वह अभी नहीं बैठता। इस तरह पानी के साथ-साथ लागत भी कम हो जाती है।

उन्नत बीज के साथ प्रशिक्षण
अगर किसान डीएसआर विधि से धान की खेती करते हैं तो इसमें सरकार उनकी पूरी मदद करेगी। आपको बता दे की हरियाणा कृषि विभाग का कहना है कि किसानों को इस विधि से खेती करने के लिए प्रशिक्षण दिया जाएगा। उन्नत बीज तकनीक तक पहुंचने में मदद की जाएगी। यह विधि पारंपरिक धान की विधि से ज्यादा बेहतर साबित हो सकती है।
इसमें पानी का इस्तेमाल कम होगा। खरपतवार भी कम उगेगी और मजदूरी भी कम हो जाएगी। जल संरक्षण के लिए राज्य सरकार का यह महत्वपूर्ण कदम है. इससे किसानों को आने वाले समय में भी पानी की किल्लत नहीं होगी।