पानी की हो किल्लत तो कैंसर टॉनिक खेतों में लगाएं, महिलाओं-बच्चो के लिए है वरदान, जानिये कैसे करें खेती

पानी की हो किल्लत तो कैंसर टॉनिक खेतों में लगाएं, महिलाओं-बच्चो के लिए है वरदान, जानिये कैसे करें खेती। जिससे हो जाए ।

कैंसर टॉनिक की खेती में कमाई

अगर आपको किसी ऐसी फसल की तलाश है जिसमें ज्यादा मुनाफा हो लेकिन आप कम पानी और कम समय भी में भी इसकी खेती कर सके तो आज हम एक ऐसी ही खेती के बारे में जानने वाले हैं जो की सेहत के लिए भी फायदेमंद है और इसकी कीमत भी आपको अच्छी मिलेगी। क्योंकि इसके कई फायदे हैं, और इसकी खेती आप सुखा क्षेत्र में भी कर सकते हैं। साथ ही आपको इसकी खेती में समय भी बेहद कम लगेगा।

दरअसल हम कंगनी की खेती की बात कर रहे हैं। जिसे कैंसर टॉनिक के नाम से भी जाना जाता है। क्योंकि यह सेहत के लिए बेहद फायदेमंद है। इसमें आयरन, केरोटिन, फाइबर, मैग्नीशियम, फॉस्फोरस, कैल्शियम, राइबोफ्लेविन, कार्बोहाइड्रेट और प्रोटीन अच्छी खासी मात्रा में रहता है। जिसके कारण यह बच्चों के साथ-साथ महिलाओं, जिसमें मुख्यतः गर्भवती महिलाओं के लिए बहुत ज्यादा लाभकारी होता है। इसलिए इसकी कीमत किसानों को अच्छी मिलेगी।

पानी की हो किल्लत तो कैंसर टॉनिक खेतों में लगाएं, महिलाओं-बच्चो के लिए है वरदान, जानिये कैसे करें खेती

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कंगनी की खेती की पूरी जानकारी

नीचे लिखे बिंदुओं के अनुसार जाने कंगनी की खेती के बारे में पूरी जानकारी।

  • कंगनी की खेती कई राज्यों में हो रही है। जिसमें मध्य प्रदेश, उत्तर प्रदेश, छत्तीसगढ़, गुजरात, आंध्र प्रदेश, तमिलनाडु, तेलंगाना, कर्नाटक और महाराष्ट्र आते हैं। कंगनी की खेती आप मई से जुलाई के बीच कर सकते हैं। इस तरह अभी जून का महीना चल रहा है तो आपके पास अभी भी समय है।
  • अगर आपको उन्नत किस्म चाहिए तो राजेंद्र कोनी 1 किस्म की बुवाई कर सकते हैं। यह 80 दिन में तैयार हो जाएगी और उपज भी बढ़िया मिलेगी।
  • इस किस्म की खेती के लिए आपको हल्की दोमट मिट्टी चाहिए होगी। इससे उपजी बढ़िया मिलेगी।
  • कंगनी की खेती के लिए आपको पानी की निकासी और पूरा ध्यान रखना होगा। क्योंकि यह खेती ज्यादातर कम पानी वाले क्षेत्रों में की जाती है।
  • कंगनी की खेती करने के लिए सबसे पहले आपको खेत की अच्छे से जुताई कर लेनी चाहिए। उसके बाद आप मिट्टी के उपजाऊपन को बढ़ाने के लिए 100 क्विंटल गोबर की सड़ी पुरानी खाद खेतों में डाल सकते हैं, और फिर बढ़िया से खेत को समतल करके उसमें बुवाई कर सकते हैं।
  • जिसमें एक हेक्टेयर में 6 किग्रा बीज की बुवाई कर सकते हैं। जिसमें बताया जाता है कि कंगनी की बुवाई सी ड्रिल से कर सकते हैं।
  • बुवाई करने के 20 से 25 दिन बाद आप अच्छे से निराई-गुड़ाई कर दे। जिससे खरपतवार नियंत्रित रहे।
  • अगर बारिश बिल्कुल नहीं हो रही है तो आप सिर्फ दो बार इसकी सिंचाई कर सकते हैं। जिसमें एक बार तो आप बोने के 30 दिन बाद और दूसरी बार बोने के 50 दिन बाद भी इसकी सिंचाई कर सकते हैं। इतने में भी आपको बढ़िया उपज मिल जाएगी।
  • अब खाद की बात करें तो इसकी खेती में एक हेक्टेयर के अनुसार आप 20-20 किलोग्राम क्रमशः फास्फोरस और पोटाश डाल सकते हैं। वही 30 दिनों के बाद आप खेतों में नाइट्रोजन का भी छिड़काव कर सकते हैं। जिसमें पानी डलने के बाद भी नाइट्रोजन डाल सकते हैं। जिससे फसलों को फायदा होगा।
  • कंगनी की खेती से होने वाले उत्पादन की बात करें तो अगर आप एक एकड़ में कंगनी की खेती करते हैं तो लगभग 6 से 7 क्विंटल तक का उत्पादन आपको मिल जाएगा।
  • इस तरह ऊपर बताएं गए बिंदुओं के आधार पर आप कंगनी की खेती कर सकते हैं। इसके अलावा आपको और भी जानकारी इसकी इकट्ठा कर लेनी चाहिए। अगर आप व्यावसायिक तौर पर इसकी खेती करते हैं तो बाजार का भी आकलन कर लें।

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नमस्ते, मैं निकिता सिंह । मैं 3 साल से पत्रकारिता कर रही हूं । मुझे खेती-किसानी के विषय में विशेषज्ञता प्राप्‍त है। मैं आपको खेती-किसानी से जुड़ी तरो ताजा खबरें बताउंगी। मेरा उद्देश्य यही है कि मैं आपको 'काम की खबर' दे सकूं । जिससे आप समय के साथ अपडेट रहे, और अपने जीवन में बेहतर कर सके। ताजा खबरों के लिए आप https://khetitalks.com के साथ जुड़े रहिए । धन्यवाद