किसानों की सुविधा के लिए सरकार द्वारा इनाम पोर्टल शुरू किया गया है। जिसमें करोड़ों किसान जुड़ चुके हैं। लगभग 4.39 लाख करोड़ का व्यापार भी हुआ है, और यह संख्या समय के साथ बढ़ रही है-
ई-नाम पोर्टल क्या है
किसान अपनी उपज को बेचने के लिए तथा उसका उचित भाव प्राप्त करने के लिए मंडी जाते हैं। मंडी एक संगठित बाजार होता है। लेकिन अब किसानों को कहीं जाने की जरूरत नहीं है। सरकार ने राष्ट्रीय कृषि मंडी ई-नाम पोर्टल शुरू किया है। जिसमें डिजिटल रूप से किसान आपस में जुड़ रहे हैं। यहां पर कई मंडियां है, बताया जा रहा है कि 30 जून 2025 तक देश की 1522 मंडी इस पोर्टल में जुड़ चुकी है, और 12.3 करोड़ मीट्रिक टन कृषि उपज के साथ 49.15 करोड़ यूनिट की वस्तुएं दर्ज हुई है।
जिसमें 4.39 लाख करोड़ का व्यापार भी हुआ है। यहां पर 1.79 करोड़ किसान जुड़ चुके हैं। जिसमें बताया जा रहा है कि 4518 किसान उत्पादक संगठन के हैं। विभिन्न राज्यों के किसान और मंडियां इसमें जुड़ी हुई है।
ई-नाम पोर्टल के फायदे
ई-नाम पोर्टल से किसानों को फायदा है। यह एक राष्ट्रीय कृषि बाजार है इसमें किसान ऑनलाइन जुड़ सकते हैं और अखिल भारतीय स्तर पर अनाज बेंच सकते हैं। यहां पर किसानों को उचित भाव मिलेगा। इसके जरिए छोटे और सीमांत किसान भी अपनी उपज की बिक्री उचित मूल्य पर कर सकते हैं। इसमें किसान पोर्टल वेब और मोबाइल ऐप के जरिए जुड़ सकते हैं। सोशल मीडिया पर ई-नाम पोर्टल पर व्यापार करने की जानकारी मिल जाएगी। इसके बारें में प्रचार-प्रसार जारी है।
इसके अलावा मंडी में किसानों के लिए प्रशिक्षण सत्र आयोजित भी किया गया है। किसान राज्य की सीमाओं पर आसानी से व्यापार कर सकते हैं। इसमें व्यापार लाइसेंस को उदार बनाने में मदद मिली है। यहां पर दूसरे राज्यों के खरीदारों से बोरी लगाने की भी अनुमति दी गई है। चलिए जानते हैं किस राज्य से कितने करोड़ का व्यापार हुआ है।
राज्य और वहां की मंडियों की संख्या
नीचे लिखे बिंदुओं के अनुसार आप विभिन्न राज्यों के नाम और वहां की एकीकृत मंडियों, मीट्रिक टन की संख्या, गणितीय वस्तुओं की संख्या, साथ ही कुल मूल्य के बारे में जान सकते हैं, की कितनी मंडी किस राज्य से ई-नाम पोर्टल पर है-
- मध्य प्रदेश: राज्य की 139 एकीकृत मंडियाँ जुड़ी हैं। जिससे 1.04 करोड़ मीट्रिक टन सामग्री की खरीद-बिक्री हुई है, जिससे 34,813.82 करोड़ रुपये का लेन-देन हुआ है।
- हरियाणा: राज्य की 108 एकीकृत मंडियाँ जुड़ी है। जिनसे 3.42 करोड़ मीट्रिक टन कुल मात्रा का व्यापार हुआ है, जिससे 1,10,749.58 करोड़ रुपये का कुल मूल्य प्राप्त हुआ है।
- राजस्थान: यहाँ की करीब 173 एकीकृत मंडियाँ जुड़ी हैं, जिनमें 2.89 करोड़ मीट्रिक टन का लेन-देन हुआ है। इसके साथ ही 1.12 करोड़ गणनीय वस्तुओं का व्यापार हुआ, और कुल 1,19,691.13 करोड़ रुपये का मूल्य देखा जा रहा है।
- महाराष्ट्र: महाराष्ट्र में 133 मंडियाँ जुड़ी हैं, जिनमें कुल 56.69 लाख मीट्रिक टन माल का व्यापार हुआ है और इसका कुल मूल्य 21,130.40 करोड़ रुपये बताया जा रहा है।
- ओडिशा: यहाँ 66 एकीकृत मंडियाँ जुड़ी हैं, जिनमें 22.67 लाख मीट्रिक टन माल का लेन-देन हुआ है। इसके अलावा, 45.04 करोड़ गणनीय वस्तुओं का व्यापार दर्ज किया गया है, जिससे 5,754.67 करोड़ रुपये का कुल मूल्य मिल है।
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