फसल की पत्तियां पीली पड़ रही है, विकास रुका हुआ है? तो यह खाद मिट्टी में डालें उत्पादन होगा जबरदस्त

किसान भाई अगर फसल की पत्तियां पीली पड़ रही है, विकास रुका हुआ है तो ऐसे में ध्यान देने की जरूरत है नहीं तो उत्पादन कम हो सकता है-

फसल की पत्तियां पीली पड़ना, विकास रुकना

खेती में कई तरह की समस्याएं आती है जैसे कि, पत्तों का पीला पड़ना, विकास ना होना, जिससे किसान को आगे चलकर नुकसान हो सकता है, उत्पादन में कमी देखने को मिल सकती है, जिसमें कृषि विशेषज्ञों का कहना है कि नाइट्रोजन की कमी से इस तरह की समस्याएं सामने आ सकती हैं। जिसके लिए किसानों को नाइट्रोजन युक्त खाद देना चाहिए, तो चलिए आपको बताते हैं वह खाद जिसको देने से नाइट्रोजन की कमी मिट्टी में पूरी हो जाती है, पत्तियां पीली नहीं पड़ती है, पौधों का विकास तेजी से होता है, और अच्छा उत्पादन भी मिलता है।

इन खाद से मिलेगा मिट्टी को नाइट्रोजन

नीचे लिखे बिंदुओं के अनुसार कुछ खाद के बारे में जाने जिससे मिट्टी को नाइट्रोजन मिलेगा और फसल अच्छी होगी-

  • सबसे पहले हम जैविक खाद की बात करेंगे तो, इसमें गोबर की पुरानी खाद, वर्मी कंपोस्ट और नीलगिरी की पत्तियों से बनी खाद आदि का इस्तेमाल कर सकते हैं। जिससे फसल को नाइट्रोजन मिलता है, और पर्यावरण को किसी तरह का नुकसान नहीं होता।
  • इसके बाद किसान भाई अन्य हरी खाद का भी इस्तेमाल कर सकते हैं जैसे कि जो फसल आपने लगाई है उससे पहले हरी खाद ढैंचा खेत में लगाना चाहिए था, ढैंचा के अलावा मूंग की फसल भी खेत में लगानी चाहिए। इससे मिट्टी में नाइट्रोजन की पूर्ति होती है। लेकिन अगर अब आपकी दूसरी फसल लगी हुई है ,उसके पत्ते पीले पड़ रहे हैं तो ऐसे में गोबर की पुरानी खाद दे सकते हैं। लेकिन ध्यान रखें रासायनिक उर्वरकों का संतुलन बनाकर रखना चाहिए, यूरिया, अमोनियम सल्फेट जैसे उर्वरक को संतुलित मात्रा में डालना चाहिए। अधिक डालने से भी नुकसान होता है।

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  • फसल चक्र से फायदा किसानों को होगा। इसके लिए क्या करना होता है कि एक फसल को बार-बार नहीं लगाना चाहिए। बीच-बीच में दूसरी फसले लगानी चाहिए और दाल जैसी फसलों को भी एक बार जरूर लगाना चाहिए इससे नाइट्रोजन का संतुलन बना रहता है।
  • इन सबके अलावा बैक्टीरिया का इस्तेमाल भी करना चाहिए। जिसमें राइजोबियम, अजोटोबैक्टर, इसके अलावा अजोस्पिरिलम उर्वरक किसानों के लिए बहुत ही ज्यादा लाभकारी है। मिट्टी में नाइट्रोजन को बांधते हैं और नाइट्रोजन की उपलब्धता की पूरी करने में सहायक होते हैं, इससे किसान खाद जो भी डालेंगे वह फसलों को मिलेगा।

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