अतिवृष्टि से हुई फसल नुकसानी पर मुख्यमंत्री का अहम फैसला। हाल ही में मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री डॉक्टर मोहन यादव ने लोक सेवा भवन में 20 दिसंबर से 28 दिसंबर के बीच हुई तेज बारिश के चलते राज्य में हुए फसल नुकसान को लेकर अहम फैसला लिया है। सीएम ने इससे जुड़े अधिकारियों को निर्देश देते हुए कहा कि कोई भी प्रभावित किसान सरकारी सहायता से वंचित नहीं रहना चाहिए। सभी किसानों को इससे राहत मिलनी चाहिए।
इन्होंने 30 दिसंबर तक फसल नुकसानी का सटीक आकलन पूरा करने के वास्तविक रूप से प्रभावित सभी किसानों को पहचान करके सुनिश्चित करके विशेष ध्यान रखने का आदेश जारी किया है। इस बैठक के दौरान फैसला लिया गया की बीमा करने वाले किसानों और बिना बीमा वाले सभी प्रभावित किसानों को राज्य और केंद्र सरकार की नीतियों के मुताबिक जल्द ही डायरेक्ट बेनिफिट ट्रांसफर के जरिए से सहायता दी जाएगी। ताकि आर्थिक परेशानियों से किसानों को राहत मिल सके।
किसानों को मिलेगी आर्थिक राहत
मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव द्वारा आदेश दिए गए की बीमा किए हुए सभी किसानों को निश्चित समय सीमा के भीतर उनकी फसल के नुकसान होने की सूचना बीमा कंपनियों को देने के लिए व्यापक जागरूकता अभियान चलवाया जाना चाहिए इतना ही नहीं बैठक में जानकारी दी गई कि पीएम फसल बीमा योजना के चलते अब तक 126000 किसानों ने फसल नुकसान की जानकारी दी है।
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इतना ही नहीं मुख्यमंत्री ने मीडिया के जरिए से इस बात की अपील की है कि बीमा लाभार्थी किसान रविवार तक अपने नुकसान की जानकारी दे दे। इतना ही नहीं उन्होंने यह भी कहा कि कई जिलों के पंजीकृत किसान भाई-बहनों से अनुरोध है कि वह फसल नुकसान की जानकारी तुरंत “कृषि रक्षक” पोर्टल या 14447 पर कॉल कर दें।
बैठक में शामिल अधिकारियों के नाम
इस बैठक के दौरान कई अधिकारी यहां शामिल थे। उपमुख्यमंत्री एवं कृषि एवं किसान सशक्तिकरण मंत्री कनक वर्धन सिंहदेव, राजस्व एवं आपदा प्रबंधन मंत्री सुरेश पुजारी, सहकारिता मंत्री प्रदीप बल सामंत, खाद्य पूर्ति एवं उपभोक्ता कल्याण मंत्री कृष्णचंद्र पात्र, मुख्य सचिव मनोज अहूजा।
मुख्यमंत्री के अतिरिक्त मुख्य सचिव निकुंज बिहारी ढल, राजस्व एवं आपदा प्रबंधन विभाग के अतिरिक्त मुख्य सचिव एवं स्वतंत्र राहत आयुक्त देव रंजन कुमार सिंह, कृषि विभाग के प्रमुख सचिव डॉक्टर अरविंद पाढ़ी, खाद्य आपूर्ति विभाग के प्रमुख सचिव संजय कुमार सिंह, और सहकारिता विभाग के आयुक्त एवं सचिव राजेश प्रभाकर पाटील ने बैठक में भाग लिया था। इस बैठक में यह सारे अधिकारी शामिल रहे इसी दौरान यह निर्णय लिया गया।
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