किसान अगर कम लागत में अधिक मुनाफा कमाना चाहते हैं और ऐसी फसल लगाना चाहते हैं जिसे जंगली जानवर, बंदर आदि खराब ना करें उनसे फसल की सुरक्षा न करनी पड़े तो चलिए आपके लिए यह लेख है-
जंगली जानवरों की चिंता खत्म
खेती किसानी में के एक बड़ा काम होता है छुट्टा जानवरों का आतंक से फसलों की सुरक्षा। ऐसे कई क्षेत्र हैं जहां पर किसानों को जंगली जानवर पहले से अधिक अब परेशान कर रहे हैं। जैसे-जैसे जंगल में पेड़ पौधों की संख्या कम होती जा रही है, जंगली जानवर खेतों की तरफ आ रहे हैं और एक रात में ही पूरी फसल बर्बाद कर देते हैं। जिससे किसानों की लागत मेहनत सब कुछ बर्बाद हो जाता है। लेकिन कुछ ऐसी फसले हैं जिनकी खेती अगर किसान करते हैं तो उन्हें जंगली जानवरों से उसकी सुरक्षा करने की आवश्यकता नहीं है। क्योंकि जंगली जानवर उसे नहीं खाएंगे।
जैसे कि लहसुन की फसल, लहसुन के अलावा और भी फसले हैं जिनके बारे में हम आपको समय-समय पर जानकारी देते रहते हैं। जिसमें आपको बता दे की लखीमपुर जिले के किसान यदुनंदन सिंह पुजारी लहसुन की खेती करके बेहद खुश है। क्योंकि जंगली जानवरों से इसकी सुरक्षा नहीं करनी पड़ती। इसके अलावा उन्होंने लहसुन की खेती के और फायदे बताएं है चलिए जानते हैं उसके बारे में।
लागत कम कमाई ज्यादा
वह बताते हैं कि लहसुन की खेती में लागत अन्य फसलों के मुकाबले कम आती है। लेकिन कमाई अधिक हो सकती है। कभी-कभी बाजार में कीमत ₹400 किलो तक चली जाती है। जिससे किसानों को अच्छा खासा मुनाफा होता है। लहसुन को स्टोर करना यानी इसका भंडारण करना आसान होता है। लंबे समय तक किसान इसे रख सकते हैं। अच्छी कीमत मिलने पर इसकी बिक्री कर सकते हैं। लहसुन सेहत के लिए फायदेमंद होती है और हर घर रोजाना इसकी डिमांड होती है। जिससे हमेशा इसके ग्राहक बने ही रहते हैं। पूरे साल इसकी मांग रहती है। कीमत भी कभी-कभी ज्यादा होती है। चलिए जानते हैं लहसुन की खेती कैसे करें।
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लहसुन की खेती कैसे करें
- लहसुन की खेती के लिए बढ़िया मिट्टी की बात करें तो जीवनस युक्त दोमट मिट्टी, बलुई दोमट मिट्टी इसके लिए बेहतर होती है। जिसका पीएच मान करीब 6 से 7 के बीच हो।
- लहसुन की बुवाई का समय अक्टूबर से नवंबर के बीच रहता है। जब अधिक उत्पादन मिलता है।
- लहसुन की फसल से अच्छा उत्पादन लेने के लिए खेत तैयार करते समय करीब 4 से 5 बार गहरी जोताई करें और पाटा चलने के बाद बुवाई करें।
- लहसुन के कलियों की बुवाई 10 से 12 सेंटीमीटर की दूरी पर करें और दो पंक्तियों के बीच की दूरी 15 से 20 सेंटीमीटर रखें।
- लहसुन की बुवाई के बाद करीब 1 महीने तक सिंचाई का पूरा ध्यान रखना चाहिए। अच्छी पैदावार के लिए जैविक खाद का इस्तेमाल करें। जिसमें नाइट्रोजन, फास्फोरस और पोटाश अच्छी मात्रा में हो।
- लहसुन की फसल में सफेद मक्खी, फफूंद आदि का खतरा देखने को मिलता है। जिसके लिए जैविक कीटनाशक भी डाल सकते हैं।