धान काटने के लिए मजदूर नहीं, ₹200 के खर्चे में लगाएं ये मशीन, 2 घंटे में 1 एकड़ की फसल कट जाएगी, बरसात से पहले कर लें काम

On: Sunday, October 26, 2025 10:57 AM
धान काटने की मशीन

किसान बरसात होने से पहले फसल को काट लेना चाहते हैं, तो चलिए उस मशीन के बारे में बताते हैं जिससे सस्ते में और जल्दी धान कट जाएगा। मजदूर की जरूरत नहीं पड़ेगी।

धान की कटाई में आने वाली समस्याएं

इस समय कई किसान धान काटने जा रहे हैं। इसके बाद रबी सीजन की फसल गेहूं की बुवाई करेंगे। तो किसानों को धान समय पर काटना होगा। धान काटने के लिए मजदूर मिलना मुश्किल हो रहा है। अगर मजदूर मिल भी रहे हैं, तो वे बहुत ज्यादा मजदूरी पैसा बता रहे हैं। वहीं, कुछ इलाकों में पानी गिरने के आसार हैं। मौसम विभाग बता रहा है कि कई क्षेत्रों में बारिश हो रही है या हो सकती है।

तो इसलिए किसान जल्दी में हैं कि जल्दी से अपनी फसल काटकर खेत से हटा लें और किसी सुरक्षित जगह पर रख लें। ऐसे में अगर मजदूरों से धान कटवाते हैं, तो समय भी ज्यादा लगता है और खर्चा भी अधिक आता है। इसीलिए यहां पर आपको एक मशीन की जानकारी देने जा रहे हैं। वह मशीन आप किराए पर लेकर इस्तेमाल कर सकते हैं या फिर खरीद भी सकते हैं। सरकार भी सब्सिडी देती है केंद्र और राज्य सरकारें इन कृषि यंत्रों पर अच्छा-खासा अनुदान देती हैं, जिससे बेहद कम खर्चे में यह मशीन किसान अपने नाम कर सकते हैं।

धान काटने की मशीन

छोटे किसान धान काटने के लिए रीपर मशीन का इस्तेमाल कर सकते हैं। यह ₹200 के खर्चे में 1 एकड़ की फसल काट सकती है। सिर्फ 2 घंटे में यह एक एकड़ धान की फसल काट लेती है। यह मशीन पेट्रोल से चलती है, और इसमें लगभग 500 से 600 ग्राम ईंधन लगता है। इस मशीन का इस्तेमाल करने के लिए सिर्फ एक व्यक्ति की जरूरत पड़ती है। यानि कि केवल एक मजदूर का खर्चा इसमें आएगा। अगर किसान खुद काट लेते हैं, तो मजदूरी भी नहीं देनी पड़ेगी।

धान काटने की मशीन की कीमत

  • धान काटने की मशीन खरीदना चाहते हैं तो किसानों को भरोसेमंद कंपनी से लेना चाहिए।
  • जीएसटी दर में कटौती होने के बाद किसानों को यह मशीन पहले से कम दाम में मिलने लगी है।
  • हाथ से चलने वाली रीपर मशीन छोटे और सीमांत किसानों के लिए उपयुक्त, जिनकी कीमत लगभग 8 से 25 हजार रु तक हो सकती है। इसके आलावा बढ़िया रीपर मशीन की बात करें, तो किसानों को लगभग ₹1,20,000 तक में मिल जाती है। जिसकी खासियत यहाँ पर बताई जा रही है।
  • केंद्र और राज्य सरकारें बीच-बीच में कृषि यंत्रों पर अनुदान (सब्सिडी) देती हैं, जिससे कीमत 50% तक घट सकती है।
  • अगर किसान बेहद सस्ती मशीन लेना चाहते हैं, तो चीन की बनी मशीनें भी बाजार में मिलती हैं।
  • वे थोड़ी सस्ती होती हैं, लेकिन भारत में निर्मित मशीनें जिनकी गुणवत्ता बेहतर होती है, उनकी कीमत उनसे थोड़ी ज्यादा होती है।

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