गेहूं और आटा की कीमत लगातार बढ़ती जा रही है। लेकिन आपको बता दे कि अब गेहूं के भाव में बदलाव देखने को मिल सकता है। क्योंकि गेहूं स्टॉक के नियमों में सरकार ने बदलाव कर दिया है तो चलिए जानते हैं सरकार की योजना-
गेहूं के भाव
गेंहू की कीमत की बात करें तो गेंहू और आटा ग्राहकों को महंगा पड़ रहा है। लेकिन किसानों को इससे फायदा हो रहा है। जिसमें आपको बता दे कि इस समय थोक मंडियों में गेहूं के भाव एमएसपी 2425 रुपये प्रति क्विंटल से अधिक है। कुछ जगहों में कीमत इससे दोगुनी है। जिससे एक आम उपभोक्ता को बहुत महंगा पड़ रहा है। जिसमें उदाहरण के लिए बात करें तो 20 फरवरी 2025 को गेहूं के भाव उत्तर प्रदेश, जौनपुर मंडी में 2965 रुपए प्रति क्विंटल से 3005 रुपए प्रति क्विंटल था। इसलिए सरकार दाम घटाने पर काम कर रही है। जिसमें गेहूं के स्टॉक की लिमिट घट रही है। जिससे भंडारण होने के कारण कीमतें बढ़े नहीं और महंगाई न बढ़े। तब चलिए जानते है अब स्टॉक को लेकर सरकार ने नए नियम क्या बनाये है।
गेहूं स्टॉक के नियमों में हुआ बदलाव
गेहूं के भंडारण अधिक होने से कीमतों में उछाल हो सकता है। जिससे ग्राहकों को गेंहू महंगा पड़ता है। ऐसा न हो इस लिए केंद्र सरकार ने विभिन्न स्तरों पर गेहूं के स्टॉक की लिमिट कम कर दी है। जिससे अब गेंहू का अधिक भंडारण नहीं होगा और भाव भी कम रहेंगे जिससे महंगाई का सामना नहीं करना पड़ेगा। केंद्र द्वारा लिए गए स्टॉक लिमिट घटाने के फैसले के बाद गेहूं के भाव में बदलाव या कहे कि कीमत गिर सकती है।
लेकिन यह नियम प्रोसेसर्स पर लागू नहीं है। जी हाँ बता दे कि प्रोसेसर्स की स्टॉक लिमिट पहले जैसे ही बनी रहेंगी। उनके लिए कोई नया नियम नहीं है। लेकिन जमाखोरी और बेईमान सट्टेबाजी न हो इस लिए सरकार ने खुदरा विक्रेताओं, व्यापारियों, थोक विक्रेताओं के साथ-साथ प्रसंस्करणकर्ताओं पर गेहूं स्टॉक लिमिट लगाई है। जिससे गेंहू के भाव में असर पड़ेगा।

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15 दिन में गेहूं के भाव में दिखेगा अंतर
गेहूं के भाव में जो भी बदलाव होगा वह 15 दिन में साफ़ दिखेगा। क्योकि केंद्र सरकार ने गेहूं भंडारण संस्थाओं को गेहूं स्टॉक लिमिट पोर्टल https://evegoils.nic.in/wsp/login पर रजिस्ट्रेशन कर, शुक्रवार के दिनों में स्टॉक की नई स्थिति की जानकारी देने को कहा है। जिसमें पोर्टल पर रजिस्ट्रेशन ना कराने वाली संस्था या स्टॉक लिमिट का उल्लंघन करने वालों के ऊपर दंडात्मक कानूनी कार्रवाई हो सकती है। जिसमें नोटिफिकेशन के जारी होने के 15 दिनों के भीतर नई निर्धारित स्टॉक लिमिट तक गेंहू के स्टॉक को लाना होगा।
जिसमें ट्रेडर्स और होलसेलर्स के लिए नियम यह है कि 250 मीट्रिक टन गेहूं का भंडारण करें जो कि पहले एक हजार मीट्रिक टन थी। वहीं बड़ी श्रृंखला के खुदरा विक्रेता 4 मीट्रिक टन है मगर सभी आउटलेट और डिपो पर स्टॉक की अधिकतम मात्रा (4 गुणा कुल आउटलेट की संख्या) मीट्रिक टन हो सकती है। पहले एक मीट्रिक टन अधिक थी। फिर बात करें रिटेलर्स की तो वह लोग हर आउटलेट पर 4 मीट्रिक टन गेहूं रख सकते है। इसमें भी एक मीट्रिक टन कमी की गई है।
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