चारा नहीं ये गाय खाती है काजू-बादाम, सजता है छप्पन भोग, जानिए किस गौशाला में गायों को बिना किसी बंधन के रखा जाता है

चारा नहीं ये गाय खाती है काजू-बादाम, सजता है छप्पन भोग, जानिए किस गौशाला में गायों को बिना किसी बंधन के रखा जाता है। जिससे आप भी कर सके इस गौशाला के दर्शन।

अनोखी गौशाला

आपने कई तरह की गौशाला देखी और सुनी होगी। लेकिन आज हम एक ऐसी गौशाला की बात कर रहे हैं जिसमें गायों को सिर्फ गौ-माता कहा ही नहीं जाता है बल्कि उनका अपनी माता की तरह ध्यान भी रखा जाता है और इस गौशाला में भक्त भी जाते है। भक्त तो खुद आते ही है साथ ही साथ लौटने के बाद अपने रिश्तेदारों को भी भेजते हैं। दरअसल हम बात कर रहे हैं भगवान कृष्ण की नगरी वृंदावन की। चलिए जानते हैं गौशाला कहां पर स्थित है और गायों के लिए यहां पर किस तरह की व्यवस्था की गई है।

बिना किसी बंधन के रहती है गाय

यह गौशाला वृंदावन में स्थित है। वृंदावन में आज से नहीं बल्कि श्री कृष्णा भी गायों कभी बाँध कर नहीं रखती थी। उसी तरह अब यहां पर भक्ति वेदांत स्वामी मार्ग में चंद्रोदय मंदिर के विलास कुंज गौशाला में गायों की सेवा की जा रही है। जिससे देशभर में इस गौशाला का डंका बज रहा है। जिसमें आपको बता दे कि यहां पर गौ-माता की पूरी सेवा की जाती है। उनके खाने पीने का ध्यान रखा जाता है और उन्हें कभी बाँधा नहीं जाता है। वह खुले स्थान में रहत

हैं। जिसमें आपको बता दे कि जैसे नंद बाबा के पास कहा जाता है कि करीब 9 लाख 30 हजार गाय थी जिन्हें वह कभी बांधते नहीं थे। इसी तरह अब इस गौशाला में भी गायों में कोई बंधन नहीं रखा जाता है। जिसमें अब 350 गोवंश है। जिनकी बढ़िया से सेवा की जाती है और 4000 किलो ग्राम फ्रूट्स उन्हें दिया जाता है। चलिए जानते हैं यह गौशाला कैसे चल रही है और यहां पर गायों को खाने में क्या दिया जाता है।

चारा नहीं ये गाय खाती है काजू-बादाम, सजता है छप्पन भोग, जानिए किस गौशाला में गायों को बिना किसी बंधन के रखा जाता है

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गायों के लिए सजता है छप्पन भोग

जिसमें बताया जा रहा है कि 2004 से इसे संचालित किया जा रहा है और आज यहां पर गाय की देखभाल कर रहे हैं। साथ ही साथ समय-समय पर भक्त भी आते हैं जो खाने को देते हैं। जिससे उन्हें इनका आशीर्वाद भी मिलता है। जी हां आपको बता दे कि यहां पैसे नहीं बल्कि आहार दिए जाते हैं। यहां पर गायों के लिए 56 भोग आयोजित किए जाते हैं। जिसमें उन्हें मौसमी सब्जियों के साथ-साथ दलिया भी दिया जाता है।

इस तरह भरपेट उन्हें खाना मिलता है और उसमें स्वाद भी रहता है। जिसमें तरबूज के साथ-साथ केला और काजू, बादाम, किशमिश खिलाए जाते हैं। अगर आपको इस तरह की गौशाला देखने का मन हो रहा है तो वृंदावन में जाकर देख सकते हैं। वहां पर गायों की सेवा करने का शानदार मौका भी मिल जाएगा।

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