बरबटी की फसल को कीटों से सुरक्षित रखने के लिए फसल में इस चीज का छिड़काव करना बहुत महत्वपूर्ण होता है
बरबटी की फसल में कई कीटों का है प्रकोप
बरबटी की खेती बहुत लाभदायक व्यवसायक की तरह साबित होती है इसकी खेती भारत में बहुत बड़े पैमाने पर की जाती है। बरबटी की फसल में विभिन्न प्रकार के कीटों का हमला होता है उचित समय पर देखभाल न करने से कीट फसल को नष्ट कर देते है जिससे किसानों का बहुत नुकसान होता है बरबटी की फसल में ज्यादा तर थ्रिप्स, दीमक, एफिड्स (माहू) और कैटरपिलर (पत्ती खाने वाले कीड़े) का आतंक होता है ये कीट अलग तरीके से पौधों को नुकसान पहुंचाते है कैटरपिलर पत्तियों को खा जाती है थ्रिप्स पौधों का रस चूसकर पौधों को कमजोर कर देता है जिससे पत्तियां पीली होने लगती है ये कीट ज्यादा तर कोमल टहनियों, नई पत्तियों, फूलों और फलों पर हमला करता है एफिड्स भी पत्तियों का रस चूसता है ये विशेष रूप से नई पत्तियों और तनों पर गुच्छों में पाया जाता है। इन सभी कीड़ों की रोकथाम के लिए आज हम आपको एक कारगर दवा के उपाय के बारे में बता रहे है।

तुरंत करें ऐसे ये छिड़काव
बरबटी की फसल में कीटों के प्रकोप को नियंत्रित करने के लिए फसल में क्लोरपायरीफॉस और साइपरमेथ्रिन दवा के बारे में बता रहे है। क्लोरपायरीफॉस एक प्रभावी उत्कृष्ट ऑर्गेनोफॉस्फेट कीटनाशक है। जो कीटों को जड़ से खत्म कर देता है। ये पेस्टीसाइड चूसने वाले कीड़ों, दीमक, और पत्तियां खाने वाले कीड़ों सहित कई प्रकार के कीड़ों को नियंत्रित करने के लिए बहुत उपयोगी होता है। साइपरमेथ्रिन एक पाइरेथ्रोइड कीटनाशक है जो कृषि और घरेलू दोनों तरह के कीटों की रोकथाम के लिए उपयोगी होता है ये फसल में फसल में लगे कीटों को तेजी से खत्म करता है।
कैसे करें छिड़काव
बरबटी की फसल में थ्रिप्स, दीमक, एफिड्स (माहू) और कैटरपिलर जैसे कई कीटों को नियंत्रित करने के लिए क्लोरपायरीफॉस का उपयोग बहुत ज्यादा लाभकारी और प्रभावी साबित होता है इसकी न्यूनतम खुराक लगभग 500 से 1200 मिलीलीटर प्रति एकड़ है। इसके अलावा आपको बता दें इसका उपयोग करने से पहले उत्पाद के लेबल और लीफलेट पर दिए गए निर्देशों को ध्यान से पढ़कर करना चाहिए। साइपरमेथ्रिन का इस्तेमाल करने के लिए इसे एमिडाक्लोपिरिड 17.8% के साथ 1 मिलीलीटर दवा प्रति 3 लीटर पानी में मिलाकर फसल में स्प्रे पंप की मदद से छिड़काव करना चाहिए और फसल में कैटरपिलर या संक्रमित पौधे दिखते ही उसे पत्ती के साथ तोड़कर नष्ट करके खेत से कोसों दूर फेंकना चाहिए।

नमस्ते दोस्तों, मैं नंदिनी । पिछले 2 साल से पत्रकारिता में काम कर रही हूं और अलग-अलग विषयों पर लिखना मुझे बहुत पसंद है। खासतौर पर खेती, बागवानी और स्वास्थ्य से जुड़े मुद्दों में मेरी गहरी रुचि है। मैं हमेशा कोशिश करती हूं कि आपको सच्ची और सही जानकारी दे सकूं, ताकि आप इन विषयों को अच्छे से समझ सकें। अगर आप भी इन जरूरी और दिलचस्प बातों को जानना चाहते हैं, तो जुड़े रहें https://khetitalks.com/ के साथ। धन्यवाद













