MP के किसान पुरानी विधि, तगड़ा मुनाफा कमा रहे, करेले की खेती बनी सोने की खान, जानिए कौन-सी किस्म लगाएं
MP के किसान करेले की खेती से कमा रहे हैं मुनाफा
मध्य प्रदेश के मैहर में करेले की खेती बड़े पैमाने पर की जा रही है। किसान पुरानी विधि अपनाकर अच्छा-खासा पैसा कमा रहे हैं। प्रति एकड़ लागत घटाकर लगभग 2 लाख रुपए का शुद्ध मुनाफा ले रहे हैं। किसान बताते हैं कि कांटेदार छोटे करेले अच्छी कीमत पर बिक जाते हैं। फसल की अवधि 4 महीने होती है। बुआई करने के बाद 2 महीने में फल आना शुरू हो जाते हैं। फिर 3 से 4 दिन के अंतराल में तुड़ाई करते हैं।
कीमत 25 से ₹50 प्रति किलो तक मिल जाती है। इस समय उन्हें 40 से 42 रुपए किलो कीमत मिल रही है, जिससे वह आसपास की मंडियों के साथ-साथ छत्तीसगढ़ और महाराष्ट्र में भी करेला बेच रहे हैं।
करेले की इस वैरायटी से मिलता है अच्छा भाव
किसान भाई बताते हैं कि वह करेले की कई वैरायटी लगाते हैं, जिनमें नुनमेंस की रोशन, नामधारी की एनएस 4501, वीएनआर सीड्स और ईस्ट-वेस्ट की प्रगति वैरायटी शामिल हैं। इन वैरायटी से अच्छी कमाई होती है। एक एकड़ में लगभग 1 से 2 किलो बीज लगता है। साथ ही खेत तैयार करते समय गोबर की खाद और डीएपी खाद का इस्तेमाल करते हैं, जिससे फसल अच्छी होती है।
इस पुरानी विधि से करेला की खेती करते हैं किसान
खेती के कई नए और आधुनिक तरीके आ गए हैं, जिनका इस्तेमाल करके किसान खेती को आसान बना सकते हैं। लेकिन मध्य प्रदेश के मैहर के किसान अभी भी करेले की खेती पुरानी विधि से करते हैं। इसमें मेहनत और खर्चा ज़्यादा आता है, लेकिन प्रति एकड़ लागत निकालने के बाद उन्हें 2 लाख रुपए की कमाई हो जाती है। प्रति एकड़ में 50 से 80 क्विंटल तक उत्पादन मिल रहा है।
किसान बताते हैं कि खेत तैयार करने के बाद वह मंडप बनाते हैं और चार-चार बीज एक साथ लगाकर खेती करते हैं। इसमें तार, बांस और रस्सी का इस्तेमाल करके खेत में मंडप तैयार किया जाता है। इस पद्धति से फलों की गुणवत्ता अच्छी होती है और उत्पादन अधिक मिलता है।
हालाँकि, इस तरीके में किसानों को मेहनत ज़्यादा करनी पड़ती है, लेकिन बाद में उत्पादन अधिक होने से उन्हें अच्छा फायदा मिल रहा है।