Biogas Plant Subsidy: किसानों को घर पर मिलेगी फ्री की असली खाद और खाना पकाने के लिए गैस, इस योजना से 22 हजार रु मिलेगा

किसान अगर रासायनिक नकली खाद की समस्या से छुटकारा पाना चाहते हैं तो चलिए एक ऐसी योजना के बारे में बताते हैं जिससे ₹22000 तक मिलेंगे, घर पर खाद तैयार होगी-

किसानों के लिए सरकारी योजना

किसानों अगर सरकारी योजनाओं का फायदा उठा लेते हैं तो उनका खर्चा कम हो जाता है। जिसमें खेती में किसान अच्छा उत्पादन लेने के लिए खाद का इस्तेमाल करते हैं। लेकिन इस समय बाजार में नकली खाद बहुत ज्यादा बिक रही है, तो ऐसे में किसान घर पर जैविक खाद तैयार कर सकते हैं।

आपको बता दे कि राज्य सरकार द्वारा बायोगैस प्लांट, पक्का वर्मीकंपोस्ट यूनिट और कमर्शियल वर्मी कंपोस्ट यूनिट आदि में अनुदान मिल रहा है। जिसमें किसानों को लाखों रुपए मिलेंगे। किसान अगर इस योजना का फायदा उठा लेते हैं, तो खाद का खर्चा और खाना पकाने के लिए गैस का खर्चा भी जीरो हो जाएगा।

बायोगैस प्लांट पर अनुदान

बायोगैस प्लांट अगर किसान स्थापित कर लेते हैं तो उन्हें जैविक खाद मिलेगी। साथ ही खाना पकाने के लिए गैस भी मिलेगा। इससे निकलने वाली जैविक खाद का इस्तेमाल करके उत्पादन बढ़ा सकते हैं। आपको बता दे की बिहार राज्य सरकार द्वारा वर्मी कंपोस्ट यूनिट लगाने के लिए 50% अनुदान मिल रहा है। जिसमे दो घन मीटर उत्पादन क्षमता वाला बायोगैस प्लांट लगाते हैं तो उसमें 21000 रुपए तक सब्सिडी मिलेगी। तथा अतिरिक्त ₹1500 टर्न की राशि दी जाती है। इस तरह कुल मिलाकर 22500 किसानों को प्रति यूनिट अनुदान मिल रहा है। जिससे कम खर्चे में बायोगैस संयंत्र स्थापित कर सकते हैं।

पक्का वर्मी कंपोस्ट यूनिट पर अनुदान

किसानों को पक्का वर्मी कंपोस्ट यूनिट लगाने पर भी सरकार से आर्थिक मदद मिल रही है। जिसमें 75 घन फ़ीट वाला पक्का वर्मी कंपोस्ट किसान लगा सकते हैं। इसमें 50% में अधिकतम ₹5000 तक का अनुदान मिलता है। इसमें भी जैविक खाद निर्माण होता है।

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कमर्शियल वर्मी कंपोस्ट यूनिट पर सब्सिडी

अगर किसान समूह बनाकर वर्मी कंपोस्ट बनाना चाहते हैं तो यह योजना आपके लिए लाभकारी है। इसमें कमर्शियल वर्मी कंपोस्ट यूनिट लगाने के लिए 40% तक अनुदान मिलता है। अगर किसान एफपीओ के सदस्य हैं या किसी एनजीओ, कृषि विज्ञान केंद्र, किसान उत्पादक समूह और स्टार्टअप से संबंध रखते हैं तो इस योजना का लाभ ले सकते हैं।

इसमें कई सारे किसान मिलकर के कमर्शियल यूनिट लगाते हैं जहां पर 1000 से लेकर 3000 मीट्रिक टन क्षमता तक इकाई के लिए अनुदान मिलता है जिसमें 6 लाख से लेकर 20 लाख रुपए तक अनुदान दिया जाता है। इससे बड़ी मात्रा में केंचुआ खाद तैयार हो पाएगी।

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नमस्ते, मैं निकिता सिंह । मैं 3 साल से पत्रकारिता कर रही हूं । मुझे खेती-किसानी के विषय में विशेषज्ञता प्राप्‍त है। मैं आपको खेती-किसानी से जुड़ी तरो ताजा खबरें बताउंगी। मेरा उद्देश्य यही है कि मैं आपको 'काम की खबर' दे सकूं । जिससे आप समय के साथ अपडेट रहे, और अपने जीवन में बेहतर कर सके। ताजा खबरों के लिए आप https://khetitalks.com के साथ जुड़े रहिए । धन्यवाद 

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