इस लेख के जरिए हम जानेंगे कि बिना खर्चे के भी खेती करके अधिक मुनाफा कैसे प्राप्त किया जा सकता है।
बिना खर्चे की खेती में किसान हो रहे मालामाल
खेती से बढ़िया उत्पादन लेने के लिए किसानों को खाद, पानी, कीटनाशक आदि चीजों की आवश्यकता पड़ती है। तभी उन्हें अच्छा उत्पादन मिलता है और फिर उस अनाज की बढ़िया कीमत मिलती है। लेकिन आपको बता दे कि हमारे देश में कई ऐसे किसान है जो कि बिना खर्चे की खेती कर रहे हैं और फिर भी अच्छा खासा मुनाफा कमा रहे हैं। उन किसानों की सरकार भी मदद कर रही है, सब्सिडी दे रही है और सम्मानित भी कर रही है। तो चलिए आज हम आपको कुछ किसानों की कहानी बताते हैं जो कि बिना लागत की खेती करके ज्यादा आमदनी ले रहे हैं।
ऐसे करते हैं शून्य खर्चे में खेती
कुछ किसान है जो की प्राकृतिक खेती करके जमीन को उपजाऊ बना रहे हैं और सेहत में सुधार कर रहे हैं। जैसे की कुशीनगर के पिपरा गांव के हरिशंकर राय भी जैविक खेती करते हैं और इससे उन्हें कई फायदे हो रहे हैं। उत्तरप्रदेश सरकार ने उन्हें श्री सम्मान भी दिया है। उनकी जमीन की उर्वरक शक्ति पहले से अच्छी हो गई है। अनाज भी सेहतमंद है। क्योंकि किसी तरह की केमिकल का इस्तेमाल नहीं होता।
इसके अलावा जनक सुभाष पालेकर भी प्राकृतिक खेती करते हैं। यह ऐसे किसान है जो केमिकल वाली खाद का नहीं बल्कि खुद खाद बनाकर खेती करते हैं। उनके पास पानी की सुविधा, खेत है तो फिर कोई खर्चा ही नहीं आता है। खाद बना लेते है तो उन्हें खाद के लिए लाइन भी नहीं लगानी पड़ती है। चलिए आपको बताते हैं कि यह खाद कैसे बनाते हैं क्योंकि खाद की किल्लत इस समय बहुत आ रही है।
किसान खुद ऐसे बनाते हैं खाद
किसान जैविक खाद खुद बनाते हैं तो चलिए नीचे लिखे बिंदुओं के अनुसार जानिए घर पर जैविक खाद कैसे बनाएं।
- जैविक खाद बनाने के लिए वह गाय के गोबर और गोमूत्र के साथ बेसन, मिट्टी और गुड़ का इस्तेमाल करते हैं।
- जिसमें सबसे पहले एक एकड़ की जमीन के अनुसार वह 10 किलो गोबर में, 10 लीटर गोमूत्र और 1-1 किलो बेसन के साथ गुड और मिट्टी भी मिलाते हैं।
- इसके बाद इन सब चीजों को मशीन के द्वारा हुआ छिड़कते हैं।
- पूरे खेत में अच्छे से छिड़कने के बाद वह खेती करते हैं।
- अगर दो-तीन साल प्राकृतिक खेती लगातार कर लेंगे तो फिर अच्छी पैदावार मिलने लगेगी। किसी केमिकल वाली खाद की जरूरत नहीं पड़ेगी।
- इस खाद को दो-तीन दिन छाँव में रखकर फसल में भी डाल सकते है।
इस तरह किसान प्राकृतिक खेती करके अपने खेती को आसान बना सकते हैं और सरकार से भी आर्थिक मदद ले सकते हैं। केंद्र से लेकर राज्य सरकार भी प्राकृतिक खेती के लिए किसानों को अनुदान दे रही है।
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