MP के किसानों और पशुपालकों के लिए आज, 14 अक्टूबर 2025 को एक बड़ी खबर सामने आई है। तो चलिए आपको बताते हैं आज की ताज़ा जानकारी।
मध्य प्रदेश में कैबिनेट बैठक
मध्य प्रदेश में आज 14 अक्टूबर 2025 को कैबिनेट बैठक आयोजित हुई। बैठक की ब्रीफिंग में मंत्री कैलाश विजयवर्गीय ने बताया कि भावांतर योजना को स्वीकृति दे दी गई है, जिससे सोयाबीन किसानों को बहुत लाभ मिलेगा।
जैसा कि आप जानते हैं, भावांतर योजना के बारे में सरकार ने पहले से ही किसानों को जानकारी दी थी और इसका प्रचार-प्रसार भी तेजी से हो रहा था। लेकिन अब, कैबिनेट बैठक में इसे आधिकारिक रूप से मंजूरी दे दी गई है।
इसके बाद, सोयाबीन किसानों को खेती में लाभ होगा। नुकसान की संभावना नहीं रहेगी। किसानों को अपनी फसल का उचित मूल्य हर हाल में मिलेगा और उनके खातों में डीबीटी के माध्यम से राशि भेजी जाएगी।

एमपी में सोयाबीन की MSP कितनी है?
किसानों को बता दें कि सोयाबीन की समर्थन मूल्य (MSP) ₹5,328 प्रति क्विंटल निर्धारित की गई है। भावांतर योजना लागू होने के बाद, किसानों को मॉडल रेट और भावांतर की अंतर राशि भी प्राप्त होगी। यदि मंडी में किसानों को समर्थन मूल्य से कम दर मिलती है, तो शेष राशि सरकार द्वारा सीधे उनके खाते में भेजी जाएगी।
कुटकी और कोदो का भाव
इन सबके अलावा, कोदो और कुटकी की खेती को भी सरकार बढ़ावा दे रही है। जानकारी के अनुसार-
- कुटकी का दाम ₹3,500 प्रति क्विंटल
- कोदो का दाम ₹2,500 प्रति क्विंटल निर्धारित किया गया है।
सरकार किसानों के लिए यह प्रयास कर रही है कि आगे चलकर उन्हें और बेहतर मूल्य मिल सके।
मुख्यमंत्री ने गोवर्धन पर्व को लेकर दिए निर्देश
मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव पशुपालकों के लिए समय-समय पर नई योजनाएं लाते रहते हैं। आज 14 अक्टूबर 2025 को उन्होंने गोवर्धन पर्व के आयोजन को लेकर कई निर्देश दिए हैं। उन्होंने कहा कि गोवर्धन पर्व को पूरे राज्य में लोक अनुष्ठान और सांस्कृतिक परंपराओं के अनुसार मनाया जाए। गौशालाओं और पशुपालकों को आयोजन में सहभागी बनाया जाए। दुग्ध उत्पादन और पशुपालन में विशेष उपलब्धियां दर्ज की जाएं। नवाचार को अपनाने वाले उद्यमियों को सम्मानित किया जाए। जैसा कि ज्ञात है 21 अक्टूबर को गोवर्धन पर्व मनाया जाएगा।
मुख्यमंत्री चाहते हैं कि इसका मुख्य आयोजन रवींद्र भवन भोपाल में हो, जहाँ गोवर्धन पूजन, परिक्रमा, पारंपरिक भोग, पशुचारक समुदाय की कलात्मक प्रस्तुतियाँ, जैविक उत्पाद, दुग्ध उत्पाद, तथा गोबर आधारित उत्पादों के स्टॉल लगाए जाएं। इससे पशुपालन से होने वाली आय में वृद्धि हो सकेगी और अन्य पशुपालक भी इससे प्रेरणा ले सकेंगे।

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