MP के सोयाबीन किसानों के लिए जरूरी सूचना, 24 अक्टूबर से भावांतर योजना के तहत सोयाबीन की बिक्री कर पाएंगे। आपके लिए एक हेल्पलाइन नंबर भी जारी किया गया है।
भावांतर योजना के तहत सोयाबीन की खरीदी
सोयाबीन के किसानों ने भावांतर योजना में फसल की बिक्री करने के लिए पंजीयन कर लिया है। किसानो की यह उत्सुकता देखने लायक थी। आपको बता दें कि मध्य प्रदेश सरकार द्वारा सोयाबीन उत्पादक किसानों को उनकी उपज की उचित कीमत दिलाने के लिए सोयाबीन की खरीदी भावांतर योजना के अंतर्गत की जा रही है।
इसमें 24 अक्टूबर से खरीदी शुरू होगी और जिन किसानों ने पंजीयन कराया था, वे बिक्री कर सकते हैं। लेकिन अगर किसानों को किसी तरह की समस्या आती है, तो उनके लिए एक हेल्पलाइन नंबर जारी किया गया है। कंट्रोल रूम की स्थापना की गई है। तो आइए, इसके बारे में जानते हैं।
कहां बना है भावांतर योजना के लिए कंट्रोल रूम
भावांतर योजना के लिए कंट्रोल रूम भोपाल में बनाया गया है। जैसे कि आप जानते हैं, मध्य प्रदेश की राजधानी भोपाल है। वहां पर सोयाबीन उत्पादक किसान, किसान संगठन, मंडी बोर्ड, मंडी समिति के अधिकारी, व्यापारी संगठन और कर्मचारी आदि के लिए 26, किसान भवन, अरेरा हिल्स, भोपाल में एक कंट्रोल रूम की स्थापना की गई है। यह सुबह 8:00 बजे से शाम 8:00 बजे तक चलता रहेगा। इस बीच में आप संपर्क कर सकते हैं।

भावांतर हेल्पलाइन नंबर
अब जान लेते हैं कि भावांतर योजना के लिए कौन-सा हेल्पलाइन नंबर जारी किया गया है। तो बता दे कि कंट्रोल रूम का दूरभाष नंबर 0755-2556207 है। इस पर किसान और व्यापारी संपर्क कर सकते हैं और योजना से जुड़ी जानकारी प्राप्त कर सकते हैं। किसी तरह की परेशानी हो, तो उसकी जानकारी भी दे सकते हैं।
कब तक होगी भावांतर में सोयाबीन की खरीदी
जैसा कि हमने जाना, 24 अक्टूबर से खरीदी शुरू होगी। यह खरीदी 15 जनवरी 2026 तक सरकार द्वारा की जाएगी। इसके लिए उपार्जन पोर्टल पर पंजीयन के बाद मंडी पोर्टल और ई-मंडी पोर्टल पर सभी कार्य इलेक्ट्रॉनिक माध्यम से होंगे। इसके लिए प्रत्येक मंडी और उपमंडी में तकनीकी एवं मानव संसाधन की बढ़िया व्यवस्था की गई है। मंडी स्तरीय कर्मचारियों को प्रशिक्षण मिला है। प्रवेश गेट और प्रकरण की सीसीटीवी मॉनिटरिंग भी होगी। हेल्प डेस्क की व्यवस्था की गई है।
कलेक्टर और कमिश्नर के अलावा कृषि सचिव द्वारा बैठक में भावांतर योजना के संबंध में आवश्यक निर्देश दिए गए हैं। मुख्यमंत्री का कहना है कि किसानों को भावांतर भुगतान में देरी का सामना न करना पड़े, उन्हें समय पर राशि मिले।
बता दें कि किसानों ने जो अपना बैंक खाता दिया था, उसमें डीबीटी के माध्यम से भावांतर राशि का भुगतान किया जाएगा। साथ ही एसएमएस के जरिए आपको सूचना भी मिल जाएगी कि आपका पैसा आ गया है।

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