भदावरी भैंस पालन से पशुपालको का चमकेगा भाग्य, जाने इस भैस की खासियत। भदावरी भैंस भारत की एक प्रसिद्ध नस्ल है, जो मुख्य रूप से उत्तर प्रदेश और मध्य प्रदेश में पाई जाती है। इसे “चांदी जैसी दूध वाली भैंस” भी कहा जाता है क्योंकि इसका दूध अधिक वसा वाला होता है। आइए इसके पालन के बारे में विस्तार से बताते है। आइए इसका पालन कैसे किया जाता है इसके बारे में बताते है।
भदावरी भैंस की खासियतें
यह भैंस प्रतिदिन 8-12 लीटर दूध देती है। दूध में 8-13% फैट होता है, जो सामान्य भैंसों के दूध से काफी अधिक है। इससे घी और पनीर बनाने में ज्यादा फायदा होता है। शरीर मध्यम आकार का होता है, रंग तांबे जैसा भूरा और सींग तलवार जैसी मुड़ी हुई होती है। भदावरी भैंस को ज्यादा महंगे चारे की जरूरत नहीं होती, ये सूखा चारा, भूसा और हरे चारे में भी अच्छा दूध देती है। यह भैंस बीमारियों से लड़ने में सक्षम होती है और इसे कम देखभाल की जरूरत होती है।
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भदावरी भैंस पालन कैसे करें?
2-3 अच्छी नस्ल की भैंसों से शुरुआत करें। साफ-सुथरे और हवादार शेड बनवाएं। चारे में हरा चारा, भूसा और खनिज मिश्रण दें। समय-समय पर टीकाकरण करवाएं।दूध बेचने के लिए स्थानीय डेयरी या सीधे ग्राहकों से संपर्क करें।
भदावरी भैंस से कमाई
भदावरी भैंस पालन कम खर्च, कम मेहनत और ज्यादा कमाई वाला बिजनेस है। अगर आप सही देखभाल करें तो सिर्फ 2-3 भैंसों से ही सालाना ₹10 लाख तक की कमाई हो सकती है। इस भैस का पालन कमाई का जबरदस्त जरिया है।
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