बैतूल के किसान भूपेंद्र पवार को फूलों की खेती से हो रही लाखों में आमदनी,पुष्प क्षेत्र योजना से मिला लाभ

On: Monday, November 3, 2025 12:24 PM
किसान की सफलता की कहानी

आज हम सफलता की कहानी में लेकर आए हैं मध्य प्रदेश के किसान भूपेंद्र पावर जी की कहानी, जो पुष्प क्षेत्र योजना से जुड़कर लाखों में आमदनी कर रहे हैं।

भूपेंद्र पावर का परिचय

भूपेंद्र पावर मध्य प्रदेश के बैतूल जिले के रहने वाले हैं। वे अपने खेत में पारंपरिक फसलों जैसे गेहूं और सोयाबीन जैसे फसलों की खेती करते थे। पर आमदनी कम होने के कारण वे दूसरी फसलों की खेती करने की सोच रहे थे, तभी उन्हें पुष्प क्षेत्र योजना के बारे में पता चला। जिसके बाद उन्होंने फूलों की खेती करने का निर्णय लिया।

उद्यानिकी विभाग के अधिकारियों से मिली मार्गदर्शन

भूपेंद्र पावर को फूलों की खेती करने का हौसला उद्यानिकी विभाग के अधिकारियों के मार्गदर्शन से मिला। पारंपरिक फसलों को छोड़कर फूलों की खेती करने का सोच वे थोड़ा घबरा रहे थे, पर अधिकारियों ने उन्हें बताया कि फूलों की खेती के लिए मिट्टी कैसी चाहिए और किस योजना से जुड़ना चाहिए। 

अधिकारियों ने उन्हें उद्यानिकी विभाग के तहत चलाई जा रही पुष्प क्षेत्र विस्तार योजना के बारे में बताया,जिसके बाद उन्होंने फूलों की खेती की शुरुआत की। 

फूलों में उन्होंने गेंदा फूल को चुना। गेंदा के फूल की मांग मार्केट में हमेशा रहती है, पूजा हो, त्योहार हो या फिर शादी इस फूल की खोज में ग्राहक हमेशा रहते हैं। उन्होंने अपने फूलों की खेती जैविक ढंग से की और आधुनिक तकनीक अपनाई। फूलों की खेती में मेहनत और  समय कम लगता है और आमदनी भी अच्छी हो जाती है। 

फूलों की पहली फसल से ही सवा लाख रुपये की आमदनी हुई

भूपेंद्र पावर ने पहले साल 1 एकड़ में फूलों की खेती की शुरुआत की,जिससे उन्हें सवा लाख रुपय की आमदनी हुई। इस सफलता का श्रेय वे अधिकारियों को देते हैं क्योंकि उन्होंने हमेशा आकर उनके खेत का निरीक्षण किया उन्हें सही मार्गदर्शन दिया। पहली  सफलता के बाद उन्होंने अपने फूलों की खेती के क्षेत्र को बढ़ा दिया है। 

फूलों की खेती के साथ वे दूध उत्पादन भी कर रहे हैं। दूध उत्पादन और फूलों की खेती दोनों से उनकी आमदनी लाखों में पहुंच गई है। उनकी इस सफलता से उनके जिले के किसान बहुत प्रभावित हुए हैं और उनके पास सीखने आने लगे हैं। अब वहां के किसान बागवानी फसलों को आधुनिक तकनीक अपनाकर कर रहे हैं, जिससे उनकी आमदनी बढ़ गई है। 

भूपेंद्र पावर की सफलता से उनके जिले के किसान और महिलाएं, दोनों की आमदनी के स्रोत बढ़े हैं, जिससे उनके जिले के किसानों के जीवन स्तर में बहुत सुधार आया है। 

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