खेती में मल्चिंग तकनीकी का इस्तेमाल तेजी से बढ़ रहा है, तो चलिए आज हम जानते हैं कि इस तकनीकी से फायदा क्या है, और फ्री में इस तकनीक का इस्तेमाल किसान कैसे कर सकते हैं-
मल्चिंग तकनीक के फायदे
नीचे लिखे बिंदुओं के अनुसार किसान मल्चिंग तकनीक से होने वाले फायदे के बारे में जानें-
- मल्चिंग तकनीक का इस्तेमाल करके किसान खेती में आने वाली लागत को कम कर सकते हैं। क्योंकि मल्चिंग जहां पर लगाते हैं वहां पर खरपतवार नहीं उगती है। जिससे खरपतवार निकालने के लिए मजदूरों की आवश्यकता नहीं पड़ेगी।
- मल्चिंग तकनीक से खेती करने से मृदा संरक्षण होता है। मिट्टी पर बारिश की बूंदे नहीं पड़ती है। जिससे मिट्टी का क्षरण नहीं होता है। मिट्टी में नमी बनी रहती है।

- मिट्टी की उर्वरता बनाने में मल्चिंग तकनीकी काम आती है मेल्टिंग तकनीक से खेती करने पर मिट्टी मैं जो फसल के अवशेष मिले रहते हैं वह एक समय के बाद खाद बन जाते हैं
- कीटों का नियंत्रण होता है जिससे कीटनाशक की भी आवश्यकता नहीं पड़ती।
- मल्चिंग कर देने से ज्यादा गर्मी या ठंडी मिट्टी तक नहीं पहुंचती है। जिससे फसलों में तापमान की वजह से कोई तनाव नहीं होता है।
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मल्चिंग किन चीजों से कर सकते हैं
- मल्चिंग किसान पुआल, घास, कार्डबोर्ड, लकड़ी के चिप्स आदि से भी कर सकते हैं।
- इसके अलावा बाजार में पॉलिथीन मिलती है जिससे मल्चिंग किया जा सकता है। जिन्हें प्लास्टिक मल्च कहते हैं।
- सूखे पत्तों से भी मल्चिंग कर सकते हैं।
- गीली घास भी मल्चिंग के काम आती है।
फ्री में मल्चिंग कैसे होगी
धान गेहूं की खेती करने वाले किसान को पुआल खेत से मिल जाता है। जिसे किसान या तो जला देते हैं या फेक देते हैं। लेकिन इससे किसान मल्चिंग कर सकते हैं। यह बिल्कुल फ्री में किसानों को मिलता है। इसके अलावा पुराना अखबार भी मल्चिंग के काम आते हैं। जैसा कि हमने ऊपर भी कई चीजों के बारे में जाना। पेड़ की छाल, घास की कतरन, लकड़ी के छोटे टुकड़े, यह सब मल्चिंग के काम आ सकता है।