बासमती धान की दो उन्नत किस्में किसानों को मुफ्त में बांटी जा रही हैं, आइए आपको बताते हैं कि किन किसानों को इसका लाभ मिलेगा और कैसे संपर्क करें-
बासमती धान की खेती
बासमती धान अपने स्वाद और खुशबू के लिए जाना जाता है, इस धान का दाना दिखने में भी खूबसूरत लगता है, इसलिए इसकी खेती में किसानों को मुनाफा तो होगा ही, ग्राहकों से उन्हें अच्छी कीमत भी मिलेगी। यही वजह है कि सरकार भी किसानों को बासमती चावल की खेती करने के लिए प्रोत्साहित कर रही है और मुफ्त में बीज दे रही है, लेकिन किसानों को बासमती चावल के बीज मुफ्त में देने के लिए कुछ पात्रता तय की गई है, तो आइए जानते हैं इसके बारे में।

बासमती धान की ये दो किस्में बांटी जाएंगी
किसानों को बासमती धान की दो किस्में बांटी जाएंगी, जिसमें बताया जा रहा है कि पूसा बासमती 1509 और पूसा बासमती 1718 किसानों को दी जाएंगी और उनसे किसी भी तरह का कोई शुल्क नहीं लिया जाएगा. 22 मई से ये किसानों बांटा जा रहा है। क्योंकि धान की खेती का सीजन चल रहा है. किसान धान की नर्सरी तैयार करने में जुटे हैं, जिसमें उत्तर प्रदेश के सहारनपुर जिले में किसानों को इन दो किस्म का धान का बीज मुफ्त में दिया जा रहा है, जिसमें बताया जा रहा है कि भारतीय कृषि अनुसंधान संस्थान/ आईसीआई द्वारा कृषि विज्ञान केंद्र के माध्यम से किसानों को यह लाभ दिया जा रहा है.
कैसे मिलेगा लाभ
अब बात करते हैं उन किसानों की जो बासमती धान की खेती करने के इच्छुक हैं और मुफ्त में बीज पाना चाहते हैं. तो आपको बता दें कि इस योजना का लाभ अनुसूचित जाति के किसानों को मिलेगा. कृषि विज्ञान केंद्र में अनुसूचित जाति उप योजना चलाई जा रही है जिसके तहत किसानों को बासमती धान की दो किस्मों की खेती करने के लिए बीज दिए जाएंगे. यहां किसान एक एकड़ जमीन में खेती करने के लिए मुफ्त में बीज पा सकते हैं, जिसके लिए उन्हें कृषि विज्ञान केंद्र जाना होगा।
वहां उन्हें आधार कार्ड और जाति प्रमाण पत्र जमा करना होगा. अगर जाति प्रमाण पत्र नहीं है तो अपने गांव के प्रधान से लिखवा सकते हैं कि अनुसूचित जाति से हैं और इस गांव के निवासी हैं तो कृषि विज्ञान केंद्र से बासमती धान के बीज मिल जाएंगे. इससे बीज का खर्चा खत्म होगा।