औषधीय गुणों से भरपूर फल की खेती आपको साल भर में कर देगी मालामाल, जाने खेती की संपूर्ण जानकारी, भारत देश एक कृषि प्रधान देश है। भारत देश में आंवला की खेती करने के लिए बहुत मशहूर है। इस देश में आपको आंवले की खेती ज्यादातर करते नजर आते है। इस आंवला उत्पादन में भारत को पुरी दुनिया में पहला स्थान मिला है। आंवला औषधीय गुणों से भरा हुआ होता है। जिसमे पाए जाने वाले सभी कैल्शियम, आयरन, फास्फोरस, विटामिन ए, विटामिन ई जैसे कई सारे पोषक तत्व आपके शरीर को स्वस्थ रखने में मदद करता है। आइए इसके बारे में आपको विस्तार से बताते है।
मिट्टी और जलवायु
आंवले की खेती करने के लिए आपको समशितोष्ण जलवायु की जरुरत पड़ती है। आंवले की खेती करने के लिए आपको लगभग 15 सेंटीग्रेट से लेकर 25 सेंटीग्रेट तापमान सबसे अच्छा माना जाता है। आंवले की खेती करने के लिए हर तरह की मिट्टी में कर सकते है। आंवले की खेती के लिए जलभराव वाली मिट्टी नहीं चाहिए। इसकी खेती के लिए आपको मिट्टी का PH मान लगभग 6.5 से 9.5 होना जरुरी है।
आंवला की फसल कितने महीने का है?
आंवला की फसल लगभग 4 से 5 की फसल है। आंवला की बुआई करने के बाद में आपको फल 2 से 3 साल में मिलने लगते है। इसका पौधा 4 से 5 साल में फल देने लग जाता है।
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आंवला की खेती का सही समय
आंवला की खेती का एक सही समय होता है। आंवला की खेती करके के लिए सबसे बेहतर समय जुलाई से लेकर सितंबर के माह में करते है। जिसके अलावा आंवला की खेती जनवरी से लेकर फरवरी माह में करते है।
आंवला की उन्नत किस्मो के नाम
आंवला की खेती करने से पहले आपको यह जरूर जान लेना जरुरी है कि आंवला की कई किस्म होती है। जैसे – नरेन्द्र- 10, बनारसी, नरेन्द्र- 7, चकईया, फ्रान्सिस, कृष्णा, नरेन्द्र- 9, कंचन जैसी कई सारी किस्मे है जिसकी खेती से आप तगड़ा मुनाफा कमा सकते है।
आंवले की खेती का तरीका
आंवले की खेती करने के लिए आपको सबसे पहले आपको इन बातों पर ध्यान देना होगा। आपको सबसे आंवले की खेती करने के लिए मई और जून के माह में गड्ढे तैयार करना होगा। आंवले की खेती के लिए गड्ढों की खुदाई करके लगभग 10 फीट x 10 फीट या तो लगभग 10 फीट x 15 फीट पर रखना होगा। आंवले के पौधे को लगाने के लिए आपको लगभग 1 घन मीटर के लगभग के आकर के गड्ढे खोदना होता है।
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जिसके बाद आपको इन गड्ढों को लगभग 15 से लेकर लगभग 20 दिन के लिए इन गड्ढो को खुला छोड़ देंना होगा। जिसके बाद इसके प्रत्येक गड्ढे में आपको लगभग 20 किलो नीम की खली और लगभग 500 ग्राम ट्राइकोडर्मा मिलाना होता है। इन गड्ढों को भरते वक्त लगभग 70 से लेकर 125 ग्राम तक क्लोरोपाईरीफास डस्ट भी भरना होगा। आपको इन गड्ढो में मई के महीने में पानी भर देना होगा। इन गड्ढो के भराई के समय लगभग 15 से लेकर 20 दिन बाद में पौधे का रोपण करना होगा।
सिंचाई कब करनी चाहिए?
आंवले के पौधे की खेती अगर करते है तो आपको पता होना चाहिए की कम सिंचाई की आवश्यकता पड़ती है। आपको आंवले की गर्मियों में स्थापित बागों में लगभग 10 से लेकर 15 दिनों के बीच में इसकी सिंचाई करनी होगी। आंवले के फूल आने के वक्त इसकी बिलकुल भी सिंचाई नहीं करनी चाहिए।
कमाई और उत्पादन
अगर आप आंवले की खेती करते है तो इसकी रोपाई के बाद में इसका पौधा लगभग 4 से 5 सालों में फल देने लग जाता है। लगभग 8 से 9 सालों के बाद में आप एक पेड़ साल भर में लगभग 1 क्विंटल फल दे देता है। मार्केट में इस आंवले का फल आपको प्रति किलो के हिसाब से 15 से 20 रुपए में बेचा जाता है। जिसके एक पेड़ से आप साल भर में लगभग 2500 से 4000 रुपए तक कमाई कर सकते है। इससे आप बहुत तगड़ी कमाई कर सकते है।