प्याज की खेती बहुत लाभकारी और मुनाफे वाली होती है मार्केट में प्याज की डिमांड सालभर खूब रहती है इसके कंद के साइज को बढ़ाने के लिए देखभाल और जरुरी पोषक तत्वों की जरूरत होती है तो चलिए इस लेख के माध्यम से जानते है प्याज का कंद कैसे बढ़ाया जा सकता है।
प्याज की फसल की ऐसे करें देखभाल
Agriculture tips-प्याज की खेती किसानों के लिए फायदे का सौदा होती है इसकी खेती में बंपर उत्पादन लेने के लिए देखभाल और पौष्टिक तत्वों की बहुत जरूरत होती है। प्याज़ की फसल को पनपने के लिए नियमित रूप से पानी, खाद देना चाहिए और खरपतवारों को नियमित रूप से निकालना चाहिए। आपको बता दें अगर इसकी पत्तियां पीली पड़ने लगें तो पानी देना बंद कर देना चाहिए। इसकी खेती में प्याज के कंद के विकास के लिए सबसे जरुरी पोषक तत्व फास्फोरस और नाइट्रेट होते है। फास्फोरस और नाइट्रेट की कमी से प्याज के कंद का साइज छोटा रह जाता है और उत्पादन में भी ख़राब असर पड़ता है।
ये फार्मूला प्याज के कंद को करेगा मोटा
प्याज के कंद के साइज को मोटा बनाने के लिए जब प्याज की फसल 80 से 90 दिनों की हो जाती है और प्याज का रंग हल्का सफ़ेद या पीला हो जाता है तो इस समय आपको NPK के मिश्रण का इस्तेमाल फसल में करना चाहिए जिससे प्याज की जड़ और कंद को बहुत मजबूती मिलती है और प्याज का साइज बड़ा होता है। कंद को बढ़ाने के लिए 500 ग्राम NPK का उपयोग एक एकड़ में करना चाहिए। प्याज़ की फसल में नाइट्रोजन उर्वरक की भरपूर मात्रा देनी चाहिए। ऐसा करने से प्याज की फसल की अच्छी तरह से ग्रोथ होती है और उत्पादन बहुत ज्यादा जबरदस्त होता है।
प्याज की पैदावार होगी दोगुनी
प्याज की जबरदस्त उपज पाने के लिए किसान गोबर की खाद का इस्तेमाल कर सकते है गोबर की खाद प्याज की खेती के लिए बहुत फायदेमंद होती है। गोबर खाद का इस्तेमाल 20 से 25 टन प्रति हेक्टेयर की दर से प्याज की बुवाई के 12 से 15 दिन पहले ही खेत में करना चाहिए। जिससे प्याज को रोपाई के तुरंत बाद ही पोषक तत्व मिलने लगते है। रोपाई के 30 से 40 दिन बाद खेत में फ़ॉस्फ़ोरस, नाइट्रोजन और पोटाश का छिड़काव भी करना चाहिए जिससे उत्पादन कई गुना बढ़ जाता है।
नोट: इस रिपोर्ट में दी गई जानकारी किसानों के निजी अनुभवों और सार्वजनिक रूप से उपलब्ध इंटरनेट स्रोतों पर आधारित है। किसी भी जानकारी का उपयोग करने से पहले कृषि विशेषज्ञों से परामर्श अवश्य करें।