किसान बालू का इस्तेमाल करके खरपतवार का सफाया कर सकते हैं। जिसके लिए बुवाई के 24 घंटे के भीतर बालू के साथ एक दवा का छिड़काव करना है-
खरपतवार की समस्या
खेत हो या बगीचा या घर के आसपास की जगह, खरपतवार की समस्या इस बरसात में बहुत ज्यादा देखी जा रही है। जिससे कई तरह की परेशानियां हो रही है। खरपतवार अगर फसल के आसपास उगती है तो फसल के विकास को रोकती हैं, फसल का खाद पानी खुद ग्रहण करने लगती है। बगीचे में अगर खरपतवार होती है तो पौधों में रोग बीमारी के साथ-साथ कीटों का आतंक भी बढ़ जाता है।
घर के आसपास अगर खरपतवार रहती है तो जहरीले जानवर घर के आसपास आ जाते हैं। इसलिए साफ सफाई रखनी चाहिए। अगर आप खरपतवार की समस्या से परेशान है तो चलिए एक दवा बताते हैं।
खरपतवार के लिए बालू का उपाय
खरपतवार के लिए एक बालू की तरकीब मध्य प्रदेश में बहुत प्रचलित है। इसका इस्तेमाल करके कई किसान और बागवानी करने वाले लोग खरपतवार का सफाई करते हैं। जिसमें बालू के साथ एक दवा मिलाई जाती है, और उसका छिड़काव किया जाता है। अगर सोयाबीन, उड़द, मूंगफली की खेती करते हैं वह भी इस दवा का इस्तेमाल कर सकते हैं। इससे महीने भर खेत में खरपतवार नहीं उगेगी तो चलिए जानते हैं इसके बारे में।
दवा का नाम जानें
खरपतवार की समस्या से छुटकारा पाने के लिए किसान लासो नामक खरपतवार नाशक का इस्तेमाल कर सकते हैं। बालू के साथ इसे मिलाकर खेत में छिड़क सकते हैं। जिसमें एक लीटर लासो को बालू में मिलाकर एक एकड़ की जमीन में छिड़का जा सकता है। बीज बोने के 24 घंटे के भीतर डालेंगे तो आपको खरपतवार निकालने की जरूरत नहीं पड़ेगी। इस उपाय से मजदूरी बच जाती है। फसल भी बेहतर होती है।
बता दे कि लासो का रासायनिक नाम एलाक्लोर (alachlor) है। इसका इस्तेमाल पूर्व-उद्भव शाकनाशी है, यानी कि खरपतवारों के उगने से पहले किया जाता है। ताकि खरपतवार निकालने की झंझट ही खत्म हो।