Agriculture tips: पालक के पत्तों को धब्बेदार होने से बचाएं, फसल में करें ये छिड़काव उत्पादन में लग जाएंगे 4 चाँद मिलेगा उच्च दाम

On: Thursday, October 16, 2025 9:00 PM
Agriculture tips: पालक के पत्तों को धब्बेदार होने से बचाएं, फसल में करें ये छिड़काव उत्पादन में लग जाएंगे 4 चाँद मिलेगा उच्च दाम

पालक की खेती में बहुत जबरदस्त प्रॉफिट होता है लेकिन कुछ कीट रोग फसल में लग कर फसल को तहस-नहस कर देते है जिससे पालक की गुणवत्ता में सीधा असर पड़ता है ऐसे में खराब पत्तों वाली पालक के दाम अच्छे नहीं मिलते है जिससे मुनाफे में गिरवाट होती है तो चलिए पालक की फसल को कीटों से कैसे सुरक्षित रखा जा सकता है इसके बारे में विस्तार से जानते है।

पालक के पत्तों को धब्बेदार होने से बचाएं

किसान भाई पालक की खेती बहुत बड़े लेवल पर कर रहे है कुछ किसानों की पालक की फसल मंडी में जल्दी आने के लिए तेजी से बढ़ रही है। लेकिन फसल में कीट रोगों का खतरा भी मंडरा रहा है पालक के पत्तों में धब्बेदार रोग लगने का खतरा होता है ये रोग कवक और जीवाणु संक्रमण, कीटों का प्रकोप, और पोषक तत्वों की कमी से हो सकता हैं। इसके लक्षण दिखते ही फसल में तुरंत नियंत्रण के प्रभावी उपाय करना चाहिए जिससे पालक की फसल खराब होने से बच जाती है। इसके अलावा पालक के खेत को खरपतवार मुक्त रखना चाहिए और संक्रमण के प्रकार के आधार पर विशिष्ट उपचार जैसे फफूंदनाशक या कीटनाशक का छिड़काव करना चाहिए तो आइये जानते है कौन से छिड़काव कर सकते है।

फसल में करें ये छिड़काव

पालक की फसल की थोड़ी ग्रोथ होने के बाद फसल में माइक्रोन्यूट्रिएंट्स का छिड़काव करना चाहिए जिससे फसल की उपज जबरदस्त होती है। इसके लिए आप पालक की फसल में MOP का छिड़काव कर सकते है ये पोटाश की कमी को पूरा करने के लिए बहुत लाभकारी होता है। इसका प्रयोग बुवाई के समय बेसल डोज के रूप में जिंक सल्फेट और सल्फर के साथ किया जाता है। इसके अलावा फसल में संतुलित मात्रा में NPK घुलनशील उर्वरक का उपयोग भी कर करना चाहिए। पालक की फसल के लिए उच्च नाइट्रोजन वाला NPK अनुपात जैसे 20:10 :10 सबसे अच्छा होता है। ये एक पत्तेदार फसल है और इसके पत्तों की वृद्धि के लिए अधिक नाइट्रोजन की आवश्यकता होती है। पालक की खेती में गोबर की खाद का उपयोग तो जरूर हो करना चाहिए।

उत्कृष्ट गुणवत्ता वाली पालक के फायदे

पालक का उत्पादन उत्कृष्ट गुणवत्ता वाला होता है तो मंडी में रेट भी उच्च प्राप्त होता है। पालक की खेती में संतुलित मात्रा में उर्वरको का उपयोग करने से पालक के पत्ते स्वस्थ रोग कीट मुक्त उगते है। जिससे किसानों की कमाई बढ़ जाती है। पालक की खेती किसानों को जरूर करना चाहिए क्योकि ये कम लागत और कम दिनों में तैयार होने वाली फसल है जो जबरदत्स कमाई कराती है।

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