Agriculture tips: आलू की पैदावार में होगी बेशुमार वृद्धि, बुवाई से पहले कर लें ये एक जरुरी काम मिलेगा उच्च दाम, जाने नाम

On: Saturday, October 18, 2025 10:00 AM
Agriculture tips: आलू की पैदावार में होगी बेशुमार वृद्धि, बुवाई से पहले कर लें ये एक जरुरी काम मिलेगा उच्च दाम, जाने नाम

आलू की बुवाई का समय आ चूका है किसान भाई आलू की खेती के लिए खेत की मिट्टी को तैयार कर रहे है खेत तैयार करने के साथ किसनों को ये एक जरुरी काम भी करना बहुत जरुरी है जिससे आलू की पैदावार दोगुनी हो जाएगी।

आलू की पैदावार में होगी बेशुमार वृद्धि

आलू की खेती के लिए सबसे सर्वोत्तम महीना अक्टूबर नवंबर का होता है। इस महीने में बोई गयी फसल बहुत अच्छी होती है और मंडी में दाम भी अच्छे प्राप्त होते है। आलू की खेती में अच्छी उपज के लिए किसानों को बेहतर क्वालिटी के बीज का चुनाव करना चाहिए साथ ही बीजों का ट्रीटमेंट भी करना चाहिए जिससे आलू की फसल में रोग कीट लगने का खतरा कम हो जाता है। उपचारित बीजों की बुवाई करने से मिट्टी में मौजूद हानिकारक फंगस और बैक्टीरिया का असर कम हो जाता है। पौधों का जमाव बेहतर होता है और पौधों में रोग नहीं लगते है। जिससे आलू की गुणवत्ता अच्छी होती है। मंडी में दाम उच्च मिलते है।

बुवाई से पहले कर लें ये एक जरुरी काम

आलू की बुवाई से पहले बीजों को उपचारित करना बहुत महत्वपूर्ण काम होता है। बीजों को उपचारित करने के लिए हम आपको मैनकोजेब या कार्बेन्डाजिम दवा के बारे में बता रहे है ये दोनों ही बहुत प्रभावी कवकनाशी है ये फसल में शुरुआती झुलसा और पछेती झुलसा जैसे फंगल रोगों को लगने से बचाव करती है और आलू के कंद की गुणवत्ता को बढ़ाती है। जिससे आलू की पैदावार भी बढ़ती है। इसके अलावा आलू के कंद को जैविक तरीके से भी उपचारित किया जा सकता है। जैविक उपचार के लिए किसान ट्राइकोडर्मा विरिडी का उपयोग कर सकते है ये एक जैविक फफूंदनाशी है जो पौधों को हानिकारक फफूंद जनित रोगों से बचाता है और मिट्टी के स्वास्थ्य में सुधार करता है। ये पर्यावरण के अनुकूल और लागत-प्रभावी समाधान है जिसका प्रयोग बीज उपचार और खेत में मिट्टी के उपचार दोनों के लिए किया जा सकता है।

कैसे करें उपयोग

आलू की बुवाई से पहले बीजों को उपचारित करने के लिए सबसे पहले छांटें, खराब, सड़े हुए कंद को अलग कर देना है। और अच्छे कंद का उपयोग करना है अच्छे कंद को 1 लीटर पानी में 2-3 ग्राम मैनकोजेब या कार्बेन्डाजिम दवा मिलाकर 15-20 मिनट तक बीजों को उसमे भिगोकर रखना है। फिर इन बीजों को निकालकर छांव या हवादार जगह में सुखाना है इसके बाद इनकी बुवाई करना है। ऐसा करने से आलू की फसल में रोग कीट जल्दी से नहीं लगता है और उत्पादन अच्छा होता है।

नोट: इस रिपोर्ट में दी गई जानकारी किसानों के निजी अनुभवों और सार्वजनिक रूप से उपलब्ध इंटरनेट स्रोतों पर आधारित है। किसी भी जानकारी का उपयोग करने से पहले कृषि विशेषज्ञों से परामर्श अवश्य करें।

यह भी पढ़े Agriculture tips: कुंदरू की फसल में रोगों का प्रकोप, बचाव के लिए करें ये छिड़काव फसल रहेगी सुरक्षित रक्षा कवच का करेंगे काम