बरसात में लौकी, करेला जैसी सब्जियां सड़ रही है तो चलिए एक जैविक तरीका बताते हैं जिसमें सिर्फ ₹40 में 40 दिन तक फसल को नुकसान नहीं होगा-
बरसात में फल मक्खी का प्रकोप
अपने घर पर हरी सब्जियां उगाना बहुत ही ज्यादा बढ़िया बात होती है। लेकिन इसमें कई तरह की समस्याएं आती है। कुछ लोग खेती में नए भी होते हैं, उन्हें ज्यादा जानकारी नहीं होती है, तो इसलिए हम समय पर किसानों को अपनी फसल बचाने की जानकारी देते हैं। अगर आपने लौकी, तुरई, करेला जैसी बेल वाली सब्जियों की एक खेती की है तो बता दे की बरसात में फल मक्खी का प्रकोप ज्यादा बढ़ जाता है। जिससे फल सड़ जाते हैं।
दरअसल फल मक्खी एक छोटा कीट होता है, जो फलों और सब्जियों को नुकसान पहुंचाते हैं। यह फल के अंदर अंडे दे देते हैं। जिससे फल बाद में सड़ जाते हैं। अंदर से खराब हो जाते हैं। इससे बड़ा नुकसान होता है। इसीलिए यहां पर आपको एक जैविक तरीका बताने जा रहे हैं। जिससे फल मक्खी से बचा सकते हैं।
फल मक्खी को खत्म करने का जैविक तरीका
फल मक्खी जैसे कीटों को खत्म करने के लिए कई रासायनिक तरीके भी है। लेकिन इससे फिर घर पर सब्जियां उगाने का मतलब क्या, फसल को रासायनिक दबाओं से नुकसान होता है। पर्यावरण में प्रदूषण होता है। वह सब्जी सेहत के लिए ज्यादा फायदेमंद नहीं रह जाती है। इसलिए यहां पर जैविक तरीका बताने जा रहे हैं जो कि सस्ता और असरदार भी है। यह जुगाड़ ₹40 में इस्तेमाल कर सकते हैं, 40 दिन तक काम करेगा, 40 दिन बाद दोबारा लगा सकते हैं।

दरअसल, यहां पर फेरोमोन ट्रैप की बात की जा रही है। जिससे कीट आकर्षित होते हैं। ₹40 का एक लकड़ी का टुकड़ा मिलता है। जिसे आप प्लास्टिक की पुरानी बोतल के भीतर टांग सकते हैं। बोतल में दो छेंद कर देंगे और फिर आप इसे अपने बगीचे में कहीं भी टांग दें। जहां पर आपने फल सब्जी आदि की खेती कर रखी है, तो इस डब्बे के अंदर कीट आएंगे और वही फंसकर खत्म हो जाएंगे। जिससे काम हो जाएगा। फसल सड़ने से बच जाएगी।
यह फेरोमेन ट्रैप ऑनलाइन अमेज़न, फ्लिपकार्ट जैसे ई-कॉमर्स साइट से मंगा सकते हैं, या अपने नजदीकी खाद-बीज की दुकान पर भी देख सकते हैं वहां भी मिल सकता है।