Agriculture tips: गेहूं की कटाई के बाद खेत में जरूर करें ये 3 काम, मिट्टी की उपजाऊ क्षमता बढ़ेगी 10 गुना बंजर जमीन भी उगलेगी सोना

गेहूं की कटाई के बाद खेत में ये काम जरूर करना चाहिए जिससे मिट्टी के पोषक तत्व बढ़ते है और अगली फसल की पैदावार में कोई भी कमी नहीं आती है और उत्पादन बहुत जबरदस्त होता है तो चलिए जानते है कौन से काम है।

मिट्टी की उपजाऊ क्षमता बढ़ेगी 10 गुना

Agriculture tips– फरवरी के महीने में आलू की खुदाई और गन्ने की कटाई से खेत खाली हो चुके है। मार्च के महीने में होली के बाद गेहूं और सरसों के खेत भी खाली हो जाएंगे। गेहूं की कटाई के बाद ऐसे में किसानों को अपने खेतों में ये काम जरूर करना चाहिए जिससे मिट्टी के पोषक तत्व गुण बढ़ते है। आपको बता दें लगातार खेती करने से मिट्टी की उर्वरा शक्ति प्रभावित होती है जिससे जमीन धीरे-धीरे बंजर होने लगती है और बोई हुई फसल का उत्पादन अच्छा नहीं होता है तो चलिए विस्तार से जानते है गेहुं की कटाई के बाद खेत में कौन से काम जरूर करने चाहिए।

गेहूं की कटाई के बाद खेत में जरूर करें ये काम

खेत की जुताई

गेहूं की कटाई के बाद खेत में गहरी जुताई करनी चाहिए जिससे मिट्टी में वायु संचार अच्छे से होता है खेत में जुताई करने से मिट्टी की गुणवत्ता बेहतर होती है जिससे बोई हुई फसल की पैदावार बहुत जबरदस्त होती है जुताई से मिट्टी में हवा का संचार बेहतर होता है और मिट्टी में पोषक तत्वों के गुणों की मात्रा बढ़ती है जुताई से खरपतवार और कीटों से भी छुटकारा मिलता है इसलिए गेहूं की कटाई के बाद खेत की जुताई जरूर करनी चाहिए।

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ढैंचा की बुवाई 

गेहूं की कटाई के बाद खाली खेत में ढैंचा की बुवाई कर सकते है ढैंचा सबसे महत्वपूर्ण हरी खाद वाली फसल है। इसकी खेत में बुवाई करने से मिट्टी की उर्वरा शक्ति बढ़ती है ढैंचा को खेत में उगाकर जमीन की उपजाऊ क्षमता को बढ़ा सकते है। ढैंचा की जड़ और पत्तियों में कई पोषक तत्व के गुण होते है जो मिट्टी को पोषक तत्व प्रदान करते है जिससे मिट्टी का PH स्तर भी सही रहता है।

गोबर की खाद

कटाई के बाद खाली खेत में गोबर की खाद डालनी चाहिए। गोबर की खाद मिट्टी की उर्वरा शक्ति को बढ़ाने के लिए बहुत ज्यादा फायदेमंद साबित होती है गोबर की खाद में सभी सूक्ष्म पोषक तत्व के गुण मौजूद होते है जो मिट्टी उपजाऊ बनाते है जिससे फसल का उत्पादन बंपर होता है गोबर की खाद से मिट्टी में जलधारण और जल सोखने की क्षमता बढ़ती है और मिट्टी का कटाव कम होता है। मिट्टी में कार्बनिक पदार्थों की मात्रा भी बढ़ती है। खेत में गेहूं की खाद जरूर डालनी चाहिए।

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