MP में कृषि विभाग द्वारा किसानों के लिए कुछ सलाह जारी की गई है, जिससे गेहूं और चना के किसान डीएपी–यूरिया खाद के पीछे भागना छोड़ देंगे। उन्हें इस खाद से अधिक फायदा मिलेगा।
MP में गेहूं–चना के किसानों के लिए कृषि विभाग की सलाह क्या है?
MP में कई किसान रबी सीजन में गेहूं और चना जैसी फसलों की खेती कर रहे हैं, जिसमें खेत की तैयारी में इस समय किसान लगे हुए हैं। फिर किसान खाद का इस्तेमाल करेंगे, इसके लिए आप जानते ही हैं कि यूरिया और डीएपी खाद की भी किसानों को लंबी लाइनों में लगकर देखना पड़ रहा है। बहुत ही ज्यादा खाद के लिए विभिन्न राज्यों में मारामारी चल रही है। साथ ही नकली खाद भी किसानों को देखने को मिल रही है।
इसीके चलते कृषि विभाग द्वारा किसानों के लिए एक सलाह जारी की गई है, जिसमें बिना डीएपी और यूरिया खाद के भी किसान दूसरी खाद का इस्तेमाल करके अच्छा उत्पादन ले सकते हैं, इसके बारे में बताया गया है। तो चलिए आपको इस खाद के बारे में बताते हैं।
डीएपी–यूरिया न मिले तो कौन-सी खाद डालें किसान?
डीएपी और यूरिया अगर किसानों को नहीं मिलती है, तो इसके जगह पर एनपीके खाद का इस्तेमाल कर सकते हैं। इससे गेहूं और चना के किसानों को फायदा होगा। एनपीके 12:32:16 खाद किसानों के लिए अच्छी है। इसमें नाइट्रोजन, फास्फोरस, पोटाश जैसे कई तरह के पोषक तत्व होते हैं। पोटाश की कमी होने पर फसल की वृद्धि प्रभावित होती है, इसलिए यह खाद किसानों के लिए लाभकारी है। पोटाश के कारण फसल में प्रतिरोधक क्षमता बढ़ती है, दाने मोटे होते हैं, उनमें चमक आती है, तथा रोग और कीटों के प्रति पौधों में प्रतिरोधक क्षमता बढ़ती है।
एनपीके 12:32:16 खाद की उपलब्धता भी है, इसलिए ज्यादा उपज लेने के लिए सिर्फ यूरिया और डीएपी पर निर्भर न रहते हुए किसान इस खाद का इस्तेमाल कर सकते हैं। उचित मात्रा में फसल को पोषण मिलेगा।

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