सावन में डालें ये 3 खाद गुड़हल-गुलाब-अपराजिता-मोगरा में होगी फूलों की बारिश, कीट-फंगस की समस्या भी खत्म होगी

On: Thursday, July 24, 2025 3:00 PM
सावन में फूलों के गमले में ये 3 जैविक खाद डालें

बरसात में अगर गुड़हल-गुलाब-अपराजिता-मोगरा में फूल नहीं आ रहे हैं, पत्तियां पीली पड़ रही है तो चलिए जानते हैं तीन जैविक खाद के बारे में-

बरसात में फूलों की कमी

बरसात में जमीन पर लगे कुछ पौधों में फूल तो आते हैं लेकिन गमले में लगे पौधे कमजोर दिखाई देने लगते हैं। तथा उनकी पत्तियां पीली पड़ने लगती हैं। उन्हें पोषक तत्वों के अधिक जरूरत पड़ती है। तथा गमलें में लगे पौधों में कुछ में फंगस और कीट की समस्या भी दिखाई देती है तो इसलिए यहां पर आपको कुछ जैविक खाद की जानकारी देने जा रहे हैं। जिससे गमले में लगे फूलों को दोबारा से पोषण मिलेगा। जिसमें अगर गुड़हल-गुलाब-अपराजिता-मोगरा के फूल लगाए हुए हैं तो इन सब में यह खाद दे सकते हैं।

सावन में फूलों के गमले में ये 3 जैविक खाद डालें

इस समय सावन चल रहा है जिसमें कुछ दिन धूप रहती है तो कुछ दिन बरसात होती है। अगर दो से तीन दिन तक गमले में लगे पौधों को धूप मिल चुकी हैं तब आप यह खाद दे सकते हैं। जिसमें कार्बन, नाइट्रोजन, फास्फोरस जैसे कई तरह के पोषक तत्व है. इससे फूल अधिक आएंगे और फंगस कीट की समस्या नहीं आएगी। जिसमें आपको बायो फर्टिलाइजर जो दानेदार आते हैं उन्हें देना है। सीवीड जो महीन दाना का होता है वह देना है और नीम की खली देनी है। जिससे फंगस कीट नहीं आएंगे।

लेकिन इन सब के अलावा आपको ध्यान रखना है, गमले में पानी रुकना नहीं चाहिए। पानी के निकासी की व्यवस्था अच्छी होनी चाहिए। गुलाब जैसे फूलों के लिए चिकनी नहीं बल्कि ऐसी मिट्टी तैयार करें जिसमें रेत, चावल की भूसी, आदि हो। जिससे पानी निकल जाए, चलिए जानते हैं यह सभी खाद कितनी मात्रा में कैसे देना है।

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मात्रा और इस्तेमाल का तरीका

बायोफर्टिलाइजर और सीवीड फर्टिलाइजर एक-एक चम्मच मिट्टी में मिलाना है और दो चम्मच नीम की खली जिसमें सबसे पहले आप मिट्टी की गुड़ाई कर ले और फिर इन खाद को डालकर ऊपर से मिट्टी रख दें, फिर पानी दे दे। ध्यान रखें मिट्टी सूखी हुई होनी चाहिए या हल्की नमी हो तो भी आप यह खाद दे सकते हैं।

बरसात में पौधों को ये तीनों चीजे देते है तो कई फायदे होते है। जिसमें बायोफर्टिलाइजर, सीवीड फर्टिलाइजर और नीम की खली, तीनों ही पौधों के लिए लाभकारी है। बता दे कि बायोफर्टिलाइजर मिट्टी में पोषक तत्वों की पूर्ति करते हैं, सीवीड फर्टिलाइजर पौधों की वृद्धि और रोग प्रतिरोधक क्षमता बढ़ाने में सहायक है, और नीम की खली प्राकृतिक कीटनाशक के रूप में काम करती है। जिनसे फायदा होता है नुकसान नहीं।

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