किसान के छलके आंसू, जानवरों को खिला रहे हरी सब्जी, आम आदमी के हुए मजे, एक नोट में मिल रही छोला भरकर सब्जी

सस्ती सब्जी मिलने से आम आदमी को तो फायदा है, लेकिन किसानों को घाटा हो जाता है, चलिए आपको एक ऐसे शहर की जानकारी देते हैं जहां पर बेहद सस्ते में मिल रही हरी ताजी सब्जियां-

किसान के छलके आंसू

खेती किसानी में मुनाफा तो तभी है जब किसानों को अपनी फसल के अच्छी कीमत मिले। जिसमें इस समय किसान सब्जियों की खेती की तरफ ज्यादा आकर्षित हो रहे हैं। क्योंकि कम समय में तैयार होकर ज्यादा कमाई करा देती है। लेकिन जब सब्जियों के भाव गिरने लगते हैं तो किसानों को घाटा हो जाता है। इसलिए किसानों को ध्यान रखना चाहिए कि कौन सी सब्जियां ज्यादा से ज्यादा किसान लगा रहे हैं। क्योंकि अधिक उत्पादन होने के कारण किसानों को नुकसान हो जाता है। जिससे किसानों को लागत भी नहीं मिलती।

आज हम जिस शहर के बात कर रहे हैं वहां किसानों को लागत तक नहीं मिल रही है। जिससे किसानों के आंसू छलक रहे। किसान मंडी तक सब्जी लाने को भी तैयार नहीं है। बल्कि जानवरों को सब्जी खिलाने पर मजबूर है। क्योंकि मंडी में सब्जी ले जाएंगे तो उन्हें परिवहन की लागत आएगी। जिससे किसान को और ज्यादा घाटा होना है।

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यहां मिल रही ₹10 की सब्जी

सब्जियों की कीमत जब आसमान छूती है तो किसान एक सीजन में ही लाखों करोड़ कमा लेते हैं, और मालामाल हो जाते हैं। उनकी जिंदगी उलट पलट हो जाती है। लेकिन जब दाम गिरते हैं तो किसानों को बेहद नुकसान होता है। जिसमें आज हम बात कर रहे हैं मध्य प्रदेश के शहडोल जिले के किसानों की, जिन्हे लागत भी नहीं मिल रही है और सब्जियों की कीमत लगातार गिरते ही जा रही है।

जिसमें आपको बता दे की ₹300 की धनिया ₹30 मिल रही, मेथी भाजी ₹20 किलो मिल रही है, सेमी ₹40 में मिल रही है, लाल भाजी ₹30 मिल रही है, और मटर-खीरा ₹40 किलो मिल रहा है। जबकि फूलगोभी ₹10 में, टमाटर₹10 में, पालक ₹10 में जो की 100 से 200 रुपए किलो बिकने थे। फूल गोभी और टमाटर अब ₹10 में बिक रहा है। जिससे किसानों को बेहद नुकसान हो रहा है।

इसलिए कहते हैं कि टमाटर की खेती किसानों के लिए जोखिम भरी है। कभी कीमत आसमान छूती है तो कभी जमीन पर गिरा देती है। लेकिन किसानों को अगर पता हो कि ज्यादातर किसान किस सब्जी की खेती कर रहे हैं तो उससे बचना चाहिए।

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