आलू की खेती करने वाले किसानों के लिए यह जानकारी बहुत ही ज्यादा अनमोल है। इससे उन्हें नुकसान नहीं होगा। आलू के साथ-साथ वह पाउडर से भी कमाई कर सकते हैं।
आलू का पाउडर कहाँ बन रहा
आलू की खेती देश के कई किसान कर रहे हैं। जिसमें उन्हें मुनाफा भी होता है। लेकिन जब आलू की कीमत गिरती है तो किसानों को लागत भी नहीं मिलती है। कभी-कभी तो नौबत ऐसी आ जाती है कि आलू फेंकना पड़ जाता है। इसीलिए इस लेख के जरिए किसानों को हम यह जानकारी देना चाहते हैं कि आलू की बिक्री कहां पर करके किसान ज्यादा मुनाफा ले सकते हैं और नुकसान से बच सकते हैं। उन्हें कभी आलू फेंकने की जरूरत नहीं पड़ेगी।
तब बता दे की आलू का पाउडर बनाया जा रहा है। जिसे शिवाकृत फूड कंपनी बना रही है। इस तरह के फूड कंपनियां आलू के पाउडर बनाती हैं। यह उत्तर प्रदेश की कंपनी है। जिसे आरके जैन द्वारा उद्यान विभाग से सब्सिडी लेकर खोला गया है और यहां पर आलू का पाउडर बनाया जाता है तो चलिए आपको बताते हैं आलू का पाउडर कैसे बनता है और इसकी बिक्री कहां कितने दामों में होती है।
आलू का पाउडर कैसे बनता है
आलू की कीमत जब अच्छी नहीं मिलती उस समय किसान आलू को स्टोर करके रखते हैं यानी कि आलू का भंडारण करते हैं। जब कीमत अधिक मिलती है तब वह बिक्री करते हैं। लेकिन अगर उनके आसपास इस तरह के आलू के पाउडर बनाने वाली कंपनियां हो तो आलू को कम दामों में नहीं बेंचना पड़ेगा या लंबे समय तक भंडारण करने की भी जरूरत नहीं है। आपको बता दे कि यह शिवाकृत फूड कंपनी हर दिन 75 टन आलू का पाउडर बनाती है। जिसके लिए उन्हें बहुत सारे आलू की आवश्यकता पड़ती है और कोल्ड स्टोर में वह आलू को रख लेते हैं।
आलू को छीलने के बाद, उसे धोकर, उबाल कर, पीसकर, सुखाकर, पाउडर बनाया जाता है और फिर इसकी बिक्री अपने देश के साथ-साथ विदेश में भी करते हैं। तो चलिए जानते हैं पाउडर की कीमत कितनी मिलती है और इसका इस्तेमाल क्या है।
आलू के पाउडर की कीमत
आलू की तरह ही लोग आलू के पाउडर का भी इस्तेमाल अपने रोजमर्रा की जिंदगी में कर लेते हैं। जैसे कि बर्गर, पराठा, टिक्की और कटलेट जैसे कई व्यंजन आलू के पाउडर से बनाए जाते हैं। आलू का पाउडर विदेश में भी डिमांड में रहता है। वह इंडोनेशिया, ब्राजील, इसराइल जैसे अन्य देशों में आलू के पाउडर की बिक्री करते है। आलू के पाउडर की उत्तर प्रदेश के कई जिलों में भी बिक्री की जाती है। जिसकी कीमत 140 रुपए किलो तक रहती है।
आलू के पाउडर को बनाने के बाद बढ़िया से उसकी पैकेजिंग की जाती है और करीब 12 अन्य देशों में उसकी बिक्री होती है। इस तरह आलू के किसान आलू का पाउडर बनाने वाली कंपनियों को सीधे आलू बेंच सकते हैं, कांट्रैक्ट फार्मिंग भी कर सकते हैं।