नीलगाय और जंगली जानवरों से फसल को बचाने का किसान ने ढूंढ निकला अनोखा जुगाड़, चलिए आपको बताते हैं यह जुगाड़ कैसे काम करता है, इसे बनाने का तरीका क्या है-
नीलगाय अब खेत में नहीं आती
किसान को फसल लगाने, काटने के अलावा अपने फसल की सुरक्षा करना भी जरूरी होता है। नहीं तो नीलगाय जैसे जंगली जानवर रातों-रात फसल खराब कर सकते हैं। वह किसान जो की जंगल के आसपास खेती करते हैं, उन्हें अपने खेत की सुरक्षा अधिक करने पड़ती हैं। क्योंकि जंगल से किसी भी वक्त जंगली जानवर जैसे कि नीलगाय आदि आ आते हैं जिससे किसानों को अपनी फसल की बहुत ज्यादा चिंता रहती है और इसके लिए किसान नए-नए तरीके तलाशते रहते हैं।
जिसमें किसान सतनाम सिंह जो की लखीमपुर जिले के रहने वाले हैं उन्होंने एक असरदार तरीका खोज निकाला है। दरअसल, उन्हें यूट्यूब पर एक जुगाड़ मिला है। जिससे अब उनके खेत में नीलगाय और जंगली जानवर नहीं आते हैं। तो चलिए आपको बताते हैं यह जुगाड़ कौन सा है और इसे बनाना कैसे है।

बिना ₹1 खर्च के बनेगा यह जुगाड़
उन्होंने बताया कि अब उन्हें नीलगाय जैसे जंगली जानवरों से राहत मिल गई है। यह बिना एक रुपए खर्च के तैयार होता है। जिससे अन्य किसान भी इसे आजमा सकते हैं, और फायदा हो रहा है या नहीं यह जान सकते हैं। किसान ने बताया कि खेत में वह इस जुगाड़ को टांग देते हैं। जिससे जब हवा चलती है तो फिर से आवाज उत्पन्न होती है, और जंगली जानवर खेत में नहीं घुसते। क्योंकि उन्हें लगता है कि खेत में कोई है। दरअसल किसान ने एक कांच की बोतल में नट और प्लेट के जैसे प्लास्टिक बोतल का टुकड़ा लगाया हुआ है, और इन सब चीजों को बांस के डंडे में टागा है। चलिए आपको बताते हैं इसे बनाना कैसे है-
- जंगली जानवरों से फसल बचाने का यह जुगाड़ बनाने के लिए कांच की बोतल, लोहे के कुछ नट और प्लेट के आकार के प्लास्टिक के टुकड़े लेने हैं।
- इसके बाद आपको एक मजबूत बांस के डंडे की तलाश करनी है जो की खेतों के किनारो पर लगा हो।
- फिर एक रस्सी में कांच की बोतल का मुँह बांध देना है।
- उसमें रस्सी की मदद से नीचे प्लास्टिक के टुकड़े लगाने है जो हवा में आसानी से उड़ सके।
- बोतल के पास में नट भी लगा देना है जो बोतल के हिलने पर नट और बोतल में टकराकर आवाज उत्पन्न करें। जैसा कि आप तस्वीरों में देख पा रहे हैं।
- बोतल में बंधी रस्सी अंत में आपको डंडे में टांग देनी है।
- यह जुगाड़ हल्के हवा में भी काम करेगा। इस तरह के जुगाड़ सोशल मीडिया पर आसानी से किसान को मिल जाएंगे।