नालों के किनारे मिलने वाला कांटेदार पौधा! जिसके फायदे किसी दवाई से कम नहीं है, पढ़िए इस पढ़े का नाम

नालों के किनारे मिलने वाला कांटेदार पौधा! जिसके फायदे किसी दवाई से कम नहीं है, पढ़िए इस पढ़े का नाम।

आज जिस पौधे ऐसे करें सेवन अक्सर हम कई तरह के पौधे को जानते है होंगे पर कभी कुछ कुछ चीजे ऐसी होती है जिसको देखा होता है पर उस चीजे के बारे में नहीं जाते है। ऐसा ही है जैसे की हम तुलसी, गिलोय या आंवला को जानते है पर क्या आप इस एक ऐसे पौधे को जानते है जो की नालों के किनारे मिलता है और लाखों बीमारी को करता है गायब। जिस पौधे की हम बात कर रहे है उस पौधे का नाम कटेरी का पौधा है। अक्सर ये पौधा कहीं न कहीं देखा होगा पर बस हमे पता नहीं होता है इससे क्या होता है ये जो पौधा है इससे कई तरह की बीमारी कुछ दिन में होती है ठीक जो को आज तक डॉक्टर की दवाएं नहीं कर पाई वो सब ये एक पौधा कर पता है।

नालों के किनारे मिलने वाला कांटेदार पौधा! जिसके फायदे किसी दवाई से कम नहीं है, पढ़िए इस पढ़े का नाम

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कटेरी का फल के फायदे

कटेरी फल के कई तरह के फायदे देखने को मिलेंगे इसमें आपको जड़ भूख बढ़ाने तथा हजम शक्ति बढ़ाने में मदद करती है। श्वेत कंटकारी के फल भूख बढ़ाने वाली, कृमिरोधी; सांस की तकलीफ, खांसी, बुखार या ज्वर, मूत्रकृच्छ्र या मूत्र संबंधी समस्या, अरुचि या खाने की कम इच्छा, कान में सूजन आदि बीमारियों के उपचार में हितकारी होती है। श्वेत कंटकारी के फल का काढ़ा बुखार से राहत दिलाती है।

कैसे करे इस्तेमाल

इस तरह किया जाता है इस्तेमाल छोटी कटेरी के रस से पकाए हुए घी को 5-11 ग्राम की मात्रा में सेवन करने से खाँसी में आराम मिलता है। 24 से 51 मिली कटेरी काढ़े में 2-3 ग्राम पिप्पली चूर्ण मिलाकर सेवन करने से खांसी से राहत मिलती है। 19 -39 मिली कण्टकारी का काढ़े का सेवन करने से सांस संबंधी समस्या, खांसी तथा छाती के दर्द में लाभ होता है।

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