अफीम की नई पॉलिसी जारी होगी तो चलिए इस लेख के माध्यम से इसके बारे में विस्तार से जानते है।
New Opium Policy
MP और राजस्थान के कई जिलों में रबी सीजन के दौरान अफीम की जैसे काले सोने के नाम पर भी जाना जाता है रबी सीजन के समय इस फसल की खेती बहुत मात्रा में यहाँ पर की जाती है। पर इस अफीम की फसल की खेती के लिए सरकार अफीम पॉलिसी के तहत किसानों को पट्टे जारी करती है पर सरकार समय-समय पर अपने बनाये नियमों को बदलती रहती है लेकिन इस साल सरकार का नया नियम फिर लागू हुआ है जो की 2025-26 में अफीम की बुवाई को लेकर केंद्रीय वित्त मंत्रालय की और से नई पॉलिसी (New Opium Policy) जारी कर दी है। सरकार द्वारा जारी की गई नई पॉलिसी में किए गए प्रावधानों के अनुसार नए अफीम लाइसेंस जुड़ेंगे तो कई कटेंगे भी।

3 साल का पुराना दस्तावेज देखकर दिए जायेंगे लाइसेंस
जैसा की आपको बता दे की इस बार 3 साल का पुराना दस्तावेज देख कर लाइसेंस दिए जायेंगे। (New Opium Policy) इस नियम में वित्त मंत्रालय को शिथिलता देनी चाहिए। इससे कि जिनकी एक साल की कम औसत के कारण लाइसेंस कट गया उनके लाइसेंस बहाल हो सकेंगे।
घटेंगे CPS
New Opium Policy सूत्रों की माने तो देश में अफीम के डोडे से मार्फिन, कोडीन आदि की प्रोसेसिंग को लेकर कारखाने नहीं हैं। सीपीएस पद्धति की खेती में किसानों से सीधे डोडे लिए जाते हैं। ऐसे में नारकोटिक्स विभाग के गोदाम डोडे से भरे पड़े हैं। ऐसे में सीपीएस पद्धति के पट्टे घटाने की बात कही जा रही है। अगले वर्षों में प्रोसेसिंग के कारखाने लगते हैं तो सीपीएस पद्धति के पट्टों में बढ़ोतरी हो सकती है।

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