ये चीज अनाज की फसलों को नीलगाय से बचाने के लिए बहुत उपयोगी और लाभकारी साबित होती है साथ में फसल के उत्पादन को भी बढ़ाती है तो चलिए इस लेख के माध्यम से जानते है कौन सी चीज है।
फसल को नीलगाय से बचाने का जुगाड़
धान-गेहूं-सरसों के जैसे कई खेतों में नीलगाय जैसे कई जंगली जानवर खेत में घुस जाते है और लगी फसल को चरने के साथ ही उसे अपने पैरों से बर्बाद कर देते है जिससे किसानों का बहुत नुकसान होता है नीलगाय किसानों के लिए बहुत बड़ा सिरदर्द है किसान इनसे अपनी फसलों को बचाने के लिए तमाम तरह के उपाय अपनाते है आज हम आपको एक ऐसी चीज के बारे में बता रहे है जो फसल को नीलगाय समेत कई जानवरों से बचाने के लिए बहुत उपयोगी और असरदार साबित होती साथ ही फसल के उत्पादन को बढ़ाने के लिए बहुत फायदेमंद जैविक उर्वरक का काम भी करती है तो चलिए जानते है कौन सी चीज है।

ये चीज नीलगाय को भगाने में दिखाएगी कमाल
धान-गेहूं-सरसों जैसी कई अन्य फसलों को जंगली जानवरों से बचाने के लिए हम आपको गोबर के उपले की राख और नीम के तेल से बने जैविक उर्वरक के बारे में बता रहे है नीलगाय नीम के तेल और गोबर के उपले की राख लगी फसल को नहीं खाती है। इन दोनों चीजों से बने फर्टिलाइजर का छिड़काव फसल में करने से जंगली जानवर फसल के आस-पास भी नहीं आते है क्योकि नीम का तेल कड़वा होता है। ये जैविक उर्वरक फसल के उत्पादन को बढ़ाने के साथ कीट रोग से भी फसल को बचाता है। इन दोनों चीजों से बने फर्टिलाइजर का इस्तेमाल फसलों में जरूर करना चाहिए।
कैसे करें उपयोग
धान-गेहूं-सरसों जैसी कई अन्य फसलों को जंगली जानवरों से बचाने के लिए गोबर के उपले की राख और नीम के तेल का उपयोग बहुत लाभकारी और असरदार साबित होता है इसका उपयोग करने के लिए 30 लीटर पानी में गोबर के उपले की राख और नीम के तेल को डालकर अच्छे मिलाना है और पूरी फसल में इस फर्टिलाइजर का छिड़काव करना है इसकी कड़वाहट और महक से जंगली जानवर फसल को बर्बाद नहीं करते है। साथ ही कीट रोगों से भी फसल का बचाव होता है।
नोट: इस रिपोर्ट में दी गई जानकारी किसानों के निजी अनुभवों और सार्वजनिक रूप से उपलब्ध इंटरनेट स्रोतों पर आधारित है। किसी भी जानकारी का उपयोग करने से पहले कृषि विशेषज्ञों से परामर्श अवश्य करें।