चारा से बनेगा काला सोना, खरपतवार बेचे पैसे कमाएं, कृषि अवशेष में आग लगाने की जरुरत नहीं। चलिए जानें कौन-खरीद रहा घास।
चारा से बनेगा काला सोना
खरपतवार को नष्ट करना किसान के लिए एक बड़ी चुनौती बन गई है। लेकिन अब खरपतवार का भी इस्तेमाल किया जाएगा। खरपतवार खरीदेंगे और उसे काला सोना बनाएंगे। दरअसल काला सोना से हमारा मतलब है कि कोयला, जो खरपतवार से बनाया जाएगा। जिससे किसान खरपतवार की बिक्री कर पाएंगे। आपको बता दे कि कृषि अवशेषों से अब ऑर्गेनिक कोयला बनाया जाएगा। जिसका संयंत्र बागपत जिले में स्थापित किया गया है और इसकी चर्चा हर जगह हो रही है। इस आर्गेनिक कोयले के इस्तेमाल से प्रदूषण 90% तक काम किया जा सकता है।
खरपतवार बेंचे पैसे कमाएं
इस संयंत्र के स्थापना किसान देवेंद्र सिंह ने की है जो की लोहारी गांव के रहने वाले हैं। यह कृषि अवशेषों से ऑर्गेनिक कोयला बनाते हैं। जिसके लिए उन्हें हर दिन 100 टन ऑर्गेनिक कोयले की आवश्यकता होती है। जिससे किसान की आय बढ़ जाएगी। क्योंकि वह किसानों से अच्छे भाव में खरपतवार खरीदते हैं और उससे जो कोयला बनाते हैं उसकी डिमांड एनटीपीसी बड़े-बड़े कारखाने और ईंट भट्टो में रहती है।
इस उत्पाद का वैज्ञानिक नाम पेलेट है। जिससे प्रदूषण नहीं फैलता है। जिसके वजह से इसकी बढ़िया कीमत मिलती है और डिमांड भी धीरे-धीरे बढ़ रही है। इसकी स्थापना करने के लिए किसान ने सरकार से अनुदान भी लिया है। तब अगर कोई और किसान इस तरह का केंद्र स्थापित करना चाहते हैं तो बता दे की एमएसएमई इसके लिए प्रोत्साहित कर रही है और सेंटर लगाने के लिए अनुदान भी दे रही है।
कृषि अवशेष में आग जलाने की जरुरत
इस तरह किसानों को अब खेतों में कृषि अवशेष जलाने की जरूरत नहीं है। खरपतवार जलाने से मिट्टी भी खराब होती है। वह जीव जो किसान के मित्र हैं वह अभी खेतों से नष्ट हो जाते हैं। इसलिए कृषि विशेषज्ञों का कहना है कि खेतों में वह खरपतवार ना जलाएं इस तरह किसान भाई उन अवशेषों से पैसे कमा सकते हैं।
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