रात दिन की मेहनत पर किसान ने फेरा पानी, खड़ी फसल को मिट्टी में मिला दिया, जाने सोयाबीन की फसल बर्बाद करने का कारण

रात दिन की मेहनत पर किसान ने फेरा पानी, खड़ी फसल को मिट्टी में मिला दिया, जाने सोयाबीन की फसल बर्बाद करने का कारण। आखिर क्यों फसल पर किसान का फूटा गुस्सा।

फसल पर किसान का फूटा गुस्सा

किसान के लिए उसकी फसल ही सब कुछ होती है। अगर फसल बढ़िया होती है तो उपज भी बढ़िया मिलती है। जिससे किसान कमाई करते हैं। लेकिन खेती-किसानी में खर्च भी बहुत बैठता है। जिसमें खाद, बीज, पानी से लेकर के कई तरह के खर्चे आते हैं। लेकिन जब किसान को उपज की कीमत बढ़िया नहीं मिलती तो लागत निकालना भी मुश्किल हो जाता है। यही वजह है कि किसान कभी-कभी हार मान जाते हैं। ऐसे ही एक किसान का वीडियो तेजी से वायरल हो रहा है। यह किसान मंदसौर के रहने वाले हैं।

इनका नाम कमलेश पाटीदार है। आपको बता दे कि इन्होंने सोयाबीन की फसल पर रोटावेटर चला दिया। जिसमें 12 बीघा की जमीन पर दो रोटावेटर चला कर इन्होंने पूरी फसल को मिट्टी में मिला दिया। इसके बारे में जीतू पटवारी जो कि कांग्रेस के अध्यक्ष इन्होंने पोस्ट शेयर किया है तो चलिए पहले हम फसल बर्बाद करने का कारण जानते हैं। उसके बाद वह पोस्ट भी देखेंगे जिसमें यह वीडियो दिखाया गया है।

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सोयाबीन की खेती घाटे का सौदा

किसान सोयाबीन की खेती करते थे। जिसमें उन्होंने बताया कि अब यह खेती उन्हें घाटे का सौदा लग रही है। क्योंकि एमएसपी से 1500 कम उन्हें कीमत मिल रही है। दरअसल उन्होंने कुछ पहले से रखा सोयाबीन बेंचा है। जिसमें उन्हें इतनी कीमत मिली है की लागत तक नहीं निकल रही है। जिसके कारण उन्होंने यह फैसला लिया की फसल को हम मिट्टी में मिला देते हैं। जिससे मिट्टी उपजाऊ रहेगी। मिट्टी की ऊर्जा की बचत होगी।

किसान का सीधा कहना है कि अगर बाकी किसानों को भी 3000 से लेकर ₹3500 कुंटल सोयाबीन की कीमत मिलती है तो किसान भाइयों को इसमें कोई फायदा नहीं है। उन्हें सोयाबीन की खेती में लागत निकालना मुश्किल हो जाएगा।

प्रदेश अध्यक्ष जीतू पटवारी का पोस्ट देखें

किसान के इस तरह से अपनी फसल को बर्बाद करने के वायरल वीडियो को देखते हुए जीतु पटवारी ने केंद्रीय कृषि मंत्री शिवराज सिंह चौहान और मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री मोहन यादव जी से कई सवाल किये और उनके झूठे दावे के बारे में भी बात की।

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