5 साल में 60 लाख रुपए देने वाला यह पेड़ दिला देगा गरीबी से मुक्ति, बंजर जमीन हो या पानी की कमी हर जगह जादू बिखेर रहा है ये पेड़

5 साल में 60 लाख रुपए देने वाला यह पेड़ दिला देगा गरीबी से मुक्ति, बंजर जमीन हो या पानी की कमी हर जगह जादू बिखेर रहा है ये पेड़। कम लागत में यूकेलिप्टस की खेती कर किसान कमा सकते हैं मोटा मुनाफा, बंजर जमीन में आएगी खुशहाली, जानिए कैसे लगाएं ये पौधा।

युकेलिप्टस की खेती

युकेलिप्टस को ही नीलगिरि कहते है। नीलगिरी को आम भाषा में सफेदा भी कहते हैं। युकेलिप्टस की खेती में सिचाई की आवश्यकता नहीं होती है। मिट्टी में नमी बनाकर रखनी चाहिए। बंजर जमीन में युकेलिप्टसकी खेती के लिए सबसे पहले गड्डो को बना ले। पेड़ को गड्डो के बीचो बीच लगा दे। मिट्टी में गोबर की खाद मिलाकर गड्डो में पेड़ लगाने के बाद डालें। पौधों में जड़ गलन जैसे रोग नहीं होने से बचाने के लिए गड्डो में मिट्टी को चारो ओर से अच्छे ढक दे। नीलगिरी के पेड़ में अक्सर दीमक, गांठ की बीमारियों का प्रकोप बढ़ जाता है, जिनका नियंत्रण जैविक तरीकों से कर सकते हैं।

युकेलिप्टस की किस्में

  • युकेलिप्टस निटेंस
  • युकेलिप्टस ऑब्लिक्वा
  • युकेलिप्टस विमिनैलिस
  • युकेलिप्टस डेलीगेटेंसिस
  • युकेलिप्टस ग्लोब्युल्स
  • युकेलिप्टस डायवर्सीकलर

युकेलिप्टस के इस्तेमाल

जानकारी के लिये बता दें कि नीलगिरी की खेती से सिर्फ लकड़ी ही नहीं, बल्कि इसकी छाल से कागज और चमड़ा, पेड़ से गोंद और इसके पत्तों से खास किस्म का औषधीय तेल निकलता है, जो नाक, गले, और पेट की बीमारियों से लेकर सर्दी जुकाम में भी काम आता है। जिसका इस्तेमाल ईंधन से लेकर कागज, चमड़ा और तेल बनाने में भी किया जाता है। इसकी लकड़ी को घरो के फर्नीचर के रूप में किया उपयोग किया जाता है।

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निराई-गुड़ाई

निराई-गुड़ाई की आवश्कता होती है। पौधों का विकास भी करता है | पहले वर्ष में इसके पौधों को तीन से चार गुड़ाई की जरूरत होती है, तथा बारिश के मौसम में जन्म लेने वाली खरपतवार को बाहर निकाल दे | इससे अच्छी किस्म की लकड़ी, छाल और तेल के लिये कीड़े और बीमारियों की निगरानी और रोकथाम करते रहना चाहिए। नीलगिरी के पेड़ में अकसर दीमक, गांठ की बीमारियों का प्रकोप बढ़ जाता है।

युकेलिप्टस से आमदनी

इसकी खेती से किसानो को लाखो की कमाई हो जाती है। कम खर्च में ज्यादा मुनाफा।एक पेड़ से लगभग 400 किलो लकड़ी प्राप्त होती है. बाज़ार में यूकेलिप्टस की लकड़ी 6-7 रुपए प्रति एक किलो के भाव से बिकती है. एक हेक्टेयर में इसके करीब 3 से 3.5 हजार पौधे लगाए जा सकते हैं.हर पौधे पर 7-8 रुपये का खर्च आता है.नीलगिरी के पौधों को खरीदने में लगभग 30 हजार रुपए का खर्च आता है.और अन्य खर्चों को जोड़ लिया जाए तो करीब 40 हजार रुपए का खर्च आएगा ऐसे में अगर हम एक हेक्टेयर में नीलगिरी की खेती से कम-से-कम 50 से 60 लाख रुपए 5 साल में कमा सकते हैं।

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