10वीं पास किसान बंजर पड़ी जमीन पर बिजली की खेती से जगमगाया, सोलर संयंत्र लगाकर बदला रोजगार का तरीका, घर बैठे हर साल बिजली बेचकर 24 लाख की कमाई

10वीं पास किसान ने बंजर पड़ी जमीन पर बिजली की खेती से जगमगाया, सोलर संयंत्र लगाकर बदला रोजगार का तरीका, घर बैठे हर साल बिजली बेचकर 24 लाख की कमाई, बंजर जमीन से बदलेगी किस्मत।

आर्थिक स्थिति

इस नई तकनीक से अब घर बैठे हुए आर्थिक स्थिति मजबूत कर रहे है। एक ऐसे ही व्यक्ति जो शाहपुरा विधानसभा क्षेत्र के ग्राम पंचायत तिगरिया में रहने वाले, किसान मंगलचंद यादव उम्र 55 वर्ष, 10वीं है। इसके आगे मंगलचंद ने पढ़ाई नहीं की। भविष्य में पीएम कुसुम कम्पोनेंट-ए योजना में सौर ऊर्जा का प्लांट लगाकर साल के लाखों रुपए कमा रहा है। आइए जानते हैं कैसे एक 10वीं पास किसान ने सोलर प्लांट लगाकर रोजगार का तरीका बदल दिया।

साधारण किसान की कहानी

एक साधारण किसान की कहानी मंगलचंद यादव ने बताया कि जैसे-जैसे भूजल स्तर नीचे जा रहा था, तो परिवार के साथ स्वयं को रोजगार की चिंता सताने लगी थी। वर्ष 2019 में न्यूजपेपर में पीएम कुसुम कम्पोनेंट-ए के बारे में पढ़कर अपने बच्चों से यू ट्यूब पर इसकी जानकारी लेकर ऑनलाइन आवेदन किया। मंगलचंद ने आवेदन महज 40-50 लाख रुपए की योजना समझकर किया था। जब आवेदन सत्यापित होकर लगाने की बारी आई, तो विकट संकट में थे। सोच रहे थे कि लगाया जाए या नहीं।

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सोलर प्लांट कितने महीने में तैयार

लेकिन कुछ जिम्मेदार अधिकारियों के द्वारा सही मार्गदर्शन करने पर उन्होंने इसे जोखिम समझते हुए करीब 90 लाख रुपए का लोन लेकर आधा मेगावाट का अपने खेत में सौर ऊर्जा से बिजली बनाने का प्लांट साल 2022-23 में 6 महीने में बनाकर तैयार किया।

कितने बीघा जमीन में सोलर प्लांट तैयार

मंगलचंद यादव ने बताया कि उन्होंने सोलर प्लांट के लिए 1.20 करोड़ रुपए का बैंक से 9% ब्याज पर लोन लिया, करीब 90 लाख रुपए की व्यवस्था अपने दाम पे की। इसके लिए सरकार की ओर से सब्सिडी भी दी जा रही है। लेकिन उस समय सब्सिडी नहीं थी। किसान के पास कुल 6 हैक्टेयर जमीन है। जिसमें से एक हैक्टेयर 4 बीघा (एक हैक्टेयर)में उन्होंने सोलर प्लांट लगाया है। प्लांट पर 2.15 करोड़ खर्च हुए किसान ने अपने खेत की एक हैक्टेयर जमीन में आधा मेगावाट सोलर प्लांट लगाया है।

पीएम कुसुम योजना

अभी पीएम कुसुम कंपोनेंट-सी चल रही है। जिसमें प्रति मेगावाट लागत की 30% सब्सिडी भी मिलती है। मंगलचंद का बैंक लोन मंजूर हो चुका था। ऐसे में उन्होंने पुरानी योजना में ही सोलर प्लांट लगाया। इस वजह से उन्हें 1.05 करोड़ रुपए की सब्सिडी नहीं मिल पाई। मंगलचंद ने बताया कि सोलर प्लांट पर 2.15 करोड़ रुपए खर्च हुए। जिसे बिजली वितरण कम्पनी को 3.14 पैसे प्रति यूनिट के हिसाब से बेचा जा रहा है। बिजली वितरण कम्पनी और किसान के बीच 25 साल तक बिजली खरीदने का समझौता हुआ है।

मंगलचंद की कमाई

जिस भूमि में कोई खेती न हो और भूमि का भू जल स्तर नीचे जाने से आप खेती नहीं कर पा रहे है। तो आपके पास बिजली की खेती करने के लिए एक सुनहरा मौका है। सोलर प्लांट लगाकर बिजली बेचकर कमाना ऐसा बिजनेस है जो भविष्य में कभी असफल नहीं हो सकते है। घर बैठे लाखों में कमाई कर सकते है। इसके लिए आज ही आप पीएम कुसुम कंपोनेंट-सी योजना में अप्लाई कीजिए। जिसमें आपको 30% सब्सिडी भी मिल जाएगी। आज महीने की औसत करीब 2200 यूनिट बिजली निगम को बेच रहे है। मंगलचंद की सालाना 24 लाख रुपए की आमदनी है।

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