किसानो को मालामाल बना देंगी जड़ की खेती, कम समय और कम लागत में अधिक मुनाफा, जानिए इस खास फसल की खेती अन्य खेती की अपेक्षा यह खेती किसानो के लिए काफी लाभकारी साबित हो सकती है। वैसे तो इसकी खेती सर्दी के मौसम में ज्यादा होती है। लेकिन इन दिनों इस जड़ की खेती कर किसान अच्छा मुनाफा कमा रहे हैं।आइये जाने जड़ वाली खेती के बारे में।
40 से 50 दिनों में तैयार फसल
दरअसल बारिश के सीजन में मूली की खेती करना काफी मुश्किल होता है, क्योंकि इसमें फसलें सड़ने व गलने के साथ रोग लगने का खतरा ज्यादा होता है। इसलिए किसान इसकी खेती बहुत ही कम करते हैं। यही कारण है कि आजकल मूली की बाजारों में काफी डिमांड रहती है।
मूली की खेती
मूली ठंडे मौसम की फसल है लेकिन इसको गर्मियों में भी लगाई जा सकती है। मूली उगाने के लिए मिट्टी और जल निकासी भूमि सबसे अच्छी होती है। सर्दी के मौसम में मूली की बुवाई का समय अक्टूबर – नवंबर महीने में की जाती है और गर्मी के मौसम में मूली की बुवाई का समय मार्च – अप्रैल महीने में की जाती है। मूली को पक्तियो से लगाई जाती है। खेत में पानी देना, गोबर की खाद देना, चारा निकलना, कीटनाशक दवाई का छिड़काव करना चाहिए।मूली की फसल के लिए 40 से 50 दिन का समय लागत है।
मूली की मुख्य किस्में
अच्छी खेती के लिए जरुरी है मूली बीज की किस्म का चुनाव करना –
- गर्मी के मौसम में पूसा चेती किस्म
- सर्दी के मौसम में पूसा हिमानी किस्म
मूली का भाव
सबसे बड़ी समस्या मूली बेचने की किसान भाइयो को बाजार की सही जानकारी होना चाहिए। मूली को अच्छे दामों में बेचने के लिए सबसे बेहतर जगह क्षेत्रीय मंडी रहती है। मूली सबसे कम लागत में अधिक मुनाफा देने वाली फसल मानी जाती है। सामान्य तौर पर मूली का भाव 500 से 1200 रुपए प्रति क़्वींटल तक होती है।
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