ATM से मिलेगा चावल, दुकानदारों की धोखाधड़ी पर कसा लगाम, अब लाइन में लगने की झंझट भी ख़त्म। जानिये कहां हुई इस सिस्टम की शुरुआत।
ATM से मिलेगा चावल
राशन कार्ड योजना के तहत देश भर के पात्र हितग्राहियों को राशन के साथ-साथ कई तरह की सुविधा उपलब्ध कराई जाती है। लेकिन कई लाभार्थियों का यह कहना है कि दुकानदार जिसे कुछ राज्यों में कोटेदार भी कहा जाता है वह उनके साथ धोखाधड़ी करते हैं। समय पर राशन नहीं देते हैं या फिर कम राशन देते हैं, कालाबाजारी करते हैं और उन्हें लंबी-लंबे लाइन लगानी पड़ती है। तो इन सभी बातों को ध्यान में रखते हुए यह सुविधा लाई गई है कि अब एटीएम से उन्हें राशन दिया जा सके।
जिसके तहत देश का पहला राइस एटीएम स्थापित किया गया है और यह उड़ीसा के भुवनेश्वर में लगाया गया है। जिसका उद्घाटन हो गया है। आपको बता दे कि गुरुवार को फूड सप्लाई और कंज्यूमर अफेयर मिनिस्टर कृष्ण चंद्र पात्रा ने मंचेश्वर इलाके में एक एटीएम लॉन्च किया है। जिसे गोदाम में फिट कर दिया गया है। अब यहां से लोग चावल प्राप्त कर सकेंगे। चलिए जानते हैं यह मशीन किस तरीके से काम करेगी, कैसे लोग इससे चावल निकाल पाएंगे और क्या यह सभी राज्यों में स्थापित की जाएगी ?
इस तरह निकाल सकेंगे चावल
सबसे पहले तो हम यह जान लेते हैं कि यह मशीन आखिर काम कैसे करेगी। क्योंकि अभी तक तो लोग राशन कार्ड लेकर जाते थे लाइन लगाकर राशन की दुकान से राशन प्राप्त करते थे। लेकिन अब एटीएम मशीन से वह चावल निकाल सकेंगे। जिसमें बताया जा रहा है कि इसमें टच स्क्रीन डिस्प्ले मिलेगा। जिसमें हितग्राहियों को अपना राशन कार्ड नंबर दर्ज करना होगा। उसके बाद उन्हें चावल मिलेगा। जिसमें 25 किलोग्राम तक वह चावल निकाल सकते हैं।
इसके बाद यहां पर बायोमैट्रिक ऑथेंटिकेशन भी होगा। इस तरह अब लोगों को डिस्ट्रीब्यूशन प्वाइंट्स पर लंबी-लंबी लाइन नहीं लगानी पड़ेगी। इससे उन्हें राहत मिलेगी। चलिए जानते हैं यह पूरे देश में कब आएगा।
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सभी राज्यों में कब चालु होगा
फिलहाल अभी यह एटीएम मशीन उड़ीसा के एक गोदाम में लगाई गई है। अगर यहां पर इसे सफलता मिलती है यानी कि अगर यह बढ़िया से काम करता है लोगों को यह पसंद आता है तो फिर इसे पूरे उड़ीसा में भी लॉन्च किया जा सकता है। उसके बाद देश के अन्य राज्यों में भी इसे स्थापित किया जा सकता है।
लेकिन उसके लिए इसे सफल होना पड़ेगा और तभी इस मॉडल को वन नेशन वन राशन कार्ड योजना के अंतर्गत भी लागू किया जा सकेगा। जिससे सभी राज्यों के हितग्राहियों को भी लाभ मिलेगा। यह एक ऑटोमेटिक सिस्टम है। जिससे चावल की ठगी पर रोक लगाया जा सकेगा। लोगों के समय की बचत होगी और उचित मात्रा में उन्हें राशन भी मिलेगा।
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