एक झटके में मालमाल करने वाली फसल, उत्पाद देखकर किसान खुशी से झूम उठेगे, जानिए कैसे कम लागत में ज्यादा उत्पाद आज हम आपको अच्छा मुनाफा दिलाने वाली फसल की जानकारी के देंगे।
उत्पाद देखकर किसान खुशी से झूम उठेगे
जिस फसल की बात कर रहे है उसे ग्वार के नाम जाना जाता है। इस फसल में न तो कीट होते और न रोग होता है। पौधे पर निकलने वाली फलियां से या बीन्स कहलाती है।यह फलिया विभिन्न आकार की होती है दिखने में तो यह सफेद,हरे, पीले रंग की होती है बीन्स की मुलायम फलियां सब्जी के तौर पर उपयोग की जाती है। इसके अंदर प्रोटीन विटामिन कैल्शियम पर्याप्त मात्रा में उपस्थित होते हैं। ये एक खरीफ की फसल है।
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ग्वार की खेती
इसे हर तरह की मिट्टी में उगाया जा सकता है यह दलहनी फल है .ग्वार फल सभी प्रकार की मिट्टी में उगाई जा सकती है। भरपूर धूप के साथ मध्यम बारिश फसल के बेहद पर में मदद करती है। फूल आने में तापमान वाले दिनों की आवश्यकता होती ह। बुवाई का समय ग्वार की बुवाई का समय जून के अंतिम माह में जुलाई के प्रथम सप्ताह तक में समय उचित रहता है। जून में उन्हीं इलाकों में बुवाई करनी चाहिए। ग्वार की खेती सबसे ज्यादा राजस्थान और हरियाणा में की जाती इसके अलावा अन्य राज्यों में की जाती है गुजरात पंजाब महाराष्ट्र में भी गौर की फसल की जाती है। ग्वार धूप में पनपने वाला पौधा है।
ग्वार की सिंचाई
इसकी सिंचाई के लिए दो सप्ताह तक अच्छी बारिश नहीं होने पर सिंचाई करनी चाहिए इसके बाद अगस्त या सितंबर की आखिरी सप्ताह में सिंचाई की जानी चाहिए ग्वार की फसल नवंबर तक में पक जाती है। जहां सिंचाई के साधन अन्यथा जुलाई के पहले हफ्ते में इसकी बुवाई करनी चाहिए।ग्वार एक दलहनी फसल है।
ग्वार की कीमत
ग्वार के मुनाफा दिलाने वाली फसल की जानकारी देंगे। यह बाजारों में अच्छी कीमतों पर जाती है। बाजार में हर समय मांग बनी रहती है । लाखों रुपए सालाना कमाई कर सकते हैं। अच्छी खासी मांग है। ग्वार को सूती कपड़ों के निर्माण में कागज बनाने में सौंदर्य प्रदर्शन में दवाई आदि काम में आता है। गोद बना सकते हैं। इस उत्पाद को तैयार किया जाता है और गम का प्रयोग किया जाता है।